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नीरज सिंह हत्याकांड में एफएसएल के असिस्टेंट डायरेक्टर ने दी गवाही

धनबाद में पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या के मामले में एफएसएल वैज्ञानिक डॉ अमित कुमार का बयान दर्ज हुआ। उन्होंने कहा कि पुलिस ने जांच के दौरान राम अह्लद राय के कमरे से सिगरेट का...

Newswrap हिन्दुस्तान, धनबादFri, 27 June 2025 06:08 AM
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नीरज सिंह हत्याकांड में एफएसएल के असिस्टेंट डायरेक्टर ने दी गवाही

धनबाद, प्रतिनिधि पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्याकांड में गुरुवार को एफएसएल के वैज्ञानिक डॉ अमित कुमार का बयान बचाव पक्ष की ओर से दर्ज कराया गया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता मोहम्मद जावेद ने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश दुर्गेश चंद्र अवस्थी की अदालत में दिए बयान में डॉ अमित ने कहा है कि पुलिस के अनुरोध पर जांच टीम ने कुसुम विहार स्थित राम अह्लद राय के कमरे का निरीक्षण किया था। एफएसएल की टीम शाम छह बजे से रात नौ बजे तक तीन घंटे तक गहन जांच कर वहां से सिगरेट का स्टब, ग्लास व अन्य सामान बरामद किया था, जिसकी लैब में जांच की गई।

बायोलॉजिकल रिपोर्ट में यह वर्णित है कि नीरज सिंह के दो कपड़े पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने डीएनए जांच के लिए भेजा था, जिसमें एक सफेद रंग का पाजामा व एक ग्रे कलर के कपड़े का टुकड़ा था। दोनों का प्रोफाइल जेनरेट किया गया, दोनों में खून था मगर एक व्यक्ति के नहीं थे। ग्रे कलर के कपड़े में जो खून था, वह मिक्स प्रोफाइल का था। उसमें से एक खून गुलाबी रंग के टॉवेल से मैच किया। ग्रे रंग के कपड़े पे जो खून लगा हुआ था, वह खून तीन अन्य मृतकों के खून से भी मैच नहीं किया। ड्राइवर के सीट से खून का नमूना लिफ्ट किया गया था, उसको टेस्ट किया गया जो एक से अधिक मनुष्य का खून था। ड्राइवर सीट पर जो खून था, वह चारों मृतकों के खून से मैच नहीं किया। राम अह्लद राय के घर से जांच मे एक अखबार मिला था। उस अखबार में कुछ चिन्हित किया हुआ था। वो, क्या बना हुआ था, इसको वे नहीं बता सकते। परिसर के जांच करने से पूर्व पूरे परिसर की घेराबंदी कर दी गई थी। तीन घंटे तक चले जांच के क्रम में परिसर में कोई बाहरी आदमी प्रवेश नहीं किया था। वैज्ञानिक ने कहा कि रिपोर्ट में अनुसंधानकर्ता को सलाह दी गई थी कि भविष्य में जब संदिग्ध लोगों कि गिरफ्तारी होती है तो उन लोगों का ब्लड सैंपल लेकर डीएनए प्रोफाइल जेनरेट करने के लिए भेजिएगा, ताकि जो कमरे से सामान मिला है, उसके डीएनए से संदिग्धों को डीएनए का मिलान किया जा सके। परंतु उनकी जानकारी में आज तक अनुसंधानकर्ता ने संदिग्धों का डीएनए नहीं भेजा।

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