लाह चूड़ी शिल्प में डिज़ाइन विकास कार्यशाला प्रशिक्षण
देवघर में वस्त्र मंत्रालय द्वारा 30 हस्तशिल्पियों के लिए लाह चूड़ी शिल्प में डिज़ाइन विकास कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस एक माह के प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाना और...

देवघर। वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार अंतर्गत विकास आयुक्त हस्तशिल्प नई दिल्ली देवघर कार्यालय द्वारा नगर निगम क्षेत्र के जून पोखर में शुक्रवार को 30 हस्तशिल्पियों के लिए एक माह तक आयोजित लाह चूड़ी शिल्प में डिज़ाइन विकास कार्यशाला प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। जिसका उद्घाटन मुख्य अतिथि सह ज़िला कल्याण पदाधिकारी दयानंद दुबे, सहायक निदेशक ( प्रशासन एवं समन्वय) शत्रुधन कुमार, हस्तशिल्प प्रशिक्षण अधिकारी विकास कुमार एवं ज़िला उद्यमी समन्वयक नीरज कुमार द्वारा संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्वलित कर किया गया। मौके पर मुख्य अतिथि सह जिला कल्याण पदाधिकारी ने कहा यह कार्यशाला स्थानीय कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाने एवं देवघर कि लाह चूड़ी को एक नई पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
उन्होंने कहा कि आज के युवाओं को सरकारी नौकरी के विकल्प के रूप में स्वरोजगार व उद्यमिता की ओर ध्यान देना चाहिए। इस तरह का प्रशिक्षण उन्हें सशक्त बनाने में सहायक सिद्ध साबित होगी। सहायक निदेशक (प्रशासन एवं समन्वय) ने बताया कि इस कार्यशाला का उद्देश्य लाह चूड़ी शिल्पकारों को बाजार की वर्तमान डिज़ाइन आवश्यकताओं को पूरा करने पर केंद्रित है। हस्तशिल्प क्षेत्र की वर्तमान मांगों के अनुरूप कारीगरों के मौजूदा कौशल का उपयोग करते हुए नए डिज़ाइनों के विकास का लक्ष्य पर केन्द्रित है। कार्यशाला में हस्तशिल्पियों को निफ्ट प्रशिक्षत डिज़ाइनर श्वेता संथालिया एवं मास्टर क्रॉफ्टपर्सन अज़ीम आलम द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। एक माह तक चलने वाले इस कार्यशाला में सफलतापूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद हस्तशिल्पियों को प्रमाणपत्र एवं 7500 रुपए स्टाइपेंड के रूप में दिए जाएंगे। इस दौरान जिला उद्यमी समन्वयक ने राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी हस्तशिल्पियों को दी। उन्होंने मुद्रा योजना, पीएमईजीपी तथा स्वावलंबन से जुड़े योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि इन योजनाओं का उद्देश्य कारीगरों और स्थानीय उद्यमियों को आर्थिक सहायता, प्रशिक्षण, मार्केट लिंक और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे इन योजनाओं का लाभ उठाकर स्वयं को आत्मनिर्भर बनाएं और अपने शिल्प को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएं। मौके पर कार्यक्रम का संचालन हस्तशिल्प प्रशिक्षण अधिकारी विकास कुमार द्वारा किया गया। इस अवसर पर विभाग के विवेक कुमार, डिज़ाइनर श्वेता संथालिया, मास्टर ट्रेनर अज़ीम आलम सहित लाह चूड़ी शिल्प के 30 हस्तशिल्पी उपस्थित थे।
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