पालोजोरी : सरकारी स्कूलों में सरकारी शिक्षकों का टोटा
पालोजोरी/अतुल साहिलवैसे तो पालोजोरी प्रखंड में यूपीएस स्कूलों को छोड़कर कुल 89 सरकारी स्कूल हैं। इन सरकारी स्कूलों में 5 स्कूल प्लस टू,2 हाई स्कूल,7

पालोजोरी/अतुल साहिल वैसे तो पालोजोरी प्रखंड में यूपीएस स्कूलों को छोड़कर कुल 89 सरकारी स्कूल हैं। इन सरकारी स्कूलों में 5 स्कूल प्लस टू,2 हाई स्कूल,7 उत्क्रमित हाई स्कूल,11 मिडिल स्कूल, 54 उत्क्रमित मिडिल स्कूल व 20 प्राथमिक स्कूल संचालित हैं। इन 89 सरकारी स्कूलों में से लगभग 20 फीसदी, कुल 17 ऐसे सरकारी विद्यालय हैं जहां एक भी सरकारी शिक्षक लंबे समय से पदस्थापित नहीं हैं। सरकारी स्कूलों में सरकारी शिक्षकों का पदस्थापित ना होना एक तरह से विभागीय लापरवाही ही है। वैसे सरकारी स्कूलों जहां सरकारी शिक्षक पदस्थापित नहीं हैं उन स्कूलों को तकनीकी रूप से विभागीय आंकड़ों में बंद विद्यालय कहा जाता है।
यह भी आश्चर्य की बात है कि इन 17 स्कूलों में से 11 स्कूल ऐसे हैं जहां पहली से 8वीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है।ऐसे स्कूल यूएमएस स्कूल हैं। सचिव का निर्देश का नहीं हो रहा अनुपालन :- राज्य सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव उमाशंकर सिंह ने 11 अप्रैल को राज्य के सभी उपायुक्त को पत्र जारी कर इस आशय से संबंधित निर्देश दिया था कि वैसे सरकारी विद्यालय जहां एकमात्र सरकारी शिक्षक पदस्थापित हैं उन स्कूलों में हर हाल में जिला स्थापना समिति की बैठक बुलाकर कम से कम एक और शिक्षक की पदस्थापना की जाए, लेकिन मियाद पूरी होने के बाद भी अब तक एकल शिक्षकीय सरकारी स्कूलों की कौन कहे उन स्कूलों में भी शिक्षक की पदस्थापना नहीं हो सकी है जिन सरकारी विद्यालयों में एक भी शिक्षक पदस्थापित नहीं है। स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के सचिव ने अपने कार्यालय के पत्रांक 502 दिनांक 11 अप्रैल 2025 के तहत यह भी जिक्र किया था कि एक तरफ जहां विद्यालय में शिक्षकों की कमी है वहीं राज्य के कई विद्यालयों खासकर शहरी एवं अर्द्ध शहरी क्षेत्र के स्कूलों में पात्रता से अधिक शिक्षक कार्यरत है। लोगों का कहना है कि ऐसे में विभाग को चाहिए कि उन स्कूलों से शिक्षकों को हटाकर उसे स्कूलों में शिक्षकों को पदस्थापित करें जहां शिक्षकों का घोर अभाव है। इन सरकारी स्कूलों में नहीं हैं सरकारी शिक्षक :- विभागीय आंकड़ों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पालोजोरी में ऐसे 17 सरकारी स्कूल है जहां लंबे अरसे से एक भी सरकारी शिक्षक पदस्थापित नहीं हैं। इन 17 स्कूलों में 11 स्कूल उत्क्रमित मध्य विद्यालय हैं जबकि 6 स्कूल प्राथमिक विद्यालय की श्रेणी में आते हैं। इन स्कूलों में पठन-पाठन व्यवस्था से लेकर तमाम शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक कार्य सहायक अध्यापक ही संभाल रहे हैं जो नियम विरुद्ध हैं। इन स्कूलों में उत्क्रमित मध्य विद्यालय पांडे मटेरिया, उत्क्रमित मध्य विद्यालय लेटो दुधानी, उत्क्रमित मध्य विद्यालय लाख़िबाद, उत्क्रमित मध्य विद्यालय बाघमारा, उत्क्रमित मध्य विद्यालय बेलडीह, उत्क्रमित मध्य विद्यालय नगरिया, उत्क्रमित मध्य विद्यालय बहादुरपुर, उत्क्रमित मध्य विद्यालय पालोजोर, उत्क्रमित मध्य विद्यालय महतोडीह, उत्क्रमित मध्य विद्यालय जरमुंडी उर्दू, उत्क्रमित मध्य विद्यालय बरमसोली, प्राथमिक विद्यालय रामपुर चंद्रायडीह, प्राथमिक विद्यालय कसरायडीह, प्राथमिक विद्यालय सगरभंगा, प्राथमिक विद्यालय रघुनाथपुर, प्राथमिक विद्यालय जरगढ़ी उर्दू व प्राथमिक विद्यालय बदिया शामिल है।
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