चितरा : पैक्स में धान के बीज का टोटा
झारखंड के सारठ और पालोजोरी प्रखंडों के किसानों के लिए इस वर्ष का खरीफ सीजन निराशाजनक रहा है। पैक्स केंद्रों में धान बीज की कमी के कारण किसान बाजार से महंगे दाम पर बीज खरीदने को मजबूर हैं। प्रशासनिक...

चितरा। सारठ और पालोजोरी प्रखंड क्षेत्र के किसानों के लिए इस वर्ष की खरीफ सीजन की शुरुआत निराशाजनक रही है। क्षेत्र के अधिकांश पैक्स केंद्रों में अब तक धान बीज नहीं पहुंच सका है, जिससे किसान समुदाय में गहरी मायूसी देखी जा रही है। धानरोपनी का उपयुक्त समय तेज़ी से निकलता जा रहा है, लेकिन सरकारी आपूर्ति की आस लगाए किसान अब भी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। किसानों की मानें तो वह हर वर्ष की तरह इस बार भी सरकारी दर पर पैक्स से बीज खरीदने की उम्मीद लगाए थे। लेकिन बीज नहीं मिलने के कारण कुछ किसान ऊंचे दाम पर बाजार से बीज खरीदने को मजबूर हैं, तो कुछ कर्ज लेकर खेती करने की तैयारी में हैं।
वहीं बहुत से छोटे और सीमांत किसान अब भी इंतजार कर रहे हैं कि शायद पैक्स से ही उन्हें राहत मिले। पैक्स प्रतिनिधियों ने जताई चिंता : ठाढ़ी पैक्स अध्यक्ष याकूब अंसारी और जमुआ पैक्स अध्यक्ष नरेश महतो ने बताया कि उन्होंने नोडल पैक्स से कई बार धान बीज की मांग की, लेकिन अब तक एक भी बोरी बीज उपलब्ध नहीं कराया गया है। किसान हर दिन हमारे पास बीज लेने आते हैं, लेकिन खाली हाथ लौटना पड़ता है। प्रशासनिक लापरवाही कर रही योजनाओं की धार कुंद : जहां एक ओर सरकार खेती को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है, वहीं दूसरी ओर इस तरह की प्रशासनिक लापरवाहियां जमीनी स्तर पर योजनाओं की धार कुंद कर रही हैं। किसानों की बढ़ती परेशानी और समय की नजाकत को देखते हुए प्रशासन और पैक्स प्रबंधन के बीच समन्वय बेहद जरूरी है, ताकि भविष्य में इस तरह की समस्या न दोहराई जाए। नोडल पैक्स ने समय पर जमा नहीं किया डीडी : इस मुद्दे पर सारठ प्रखंड के प्रभारी प्रखंड तकनीकी प्रबंधक शशांक शेखर ने कहा कि इस बार किसी भी नोडल पैक्स ने समय पर डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) जमा नहीं किया, इसलिए बीज का आवंटन नहीं हो सका। उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से पूरी जिम्मेदारी पैक्सों पर डाल दी।
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