कछुए की चाल को भी को मात दे रहा है ठेकेदार, डीसी के लिये बनी चुनौती
कछुए की चाल को भी को मात दे रहा है ठेकेदार, डीसी के लिये बनी चुनौती कछुए की चाल को भी को मात दे रहा है ठेकेदार, डीसी के लिये बनी चुनौती कछुए की चाल को

टंडवा निज प्रतिनिधि सरकार के विभागों पर ठेकेदारों के मनमाना सिर चढ़ कर बोल रहा है। जिस योजना में सौ करोड़ की राशि खर्च हो जाय उससे एक बूंद लोगों को पानी नहीं मिले यह प्रशासनिक विफलता नहीं तो और क्या है? ऐसा हीं एक मामला टंडवा का है जहां 233 करोड़ की जल नल योजना से टंडवा प्रखंड के एक भी घर में एक बूंद पानी नहीं मिलने से सवालों के भंवर में झारखंड सरकार और प्रशासन है। जबकि इस योजना की शुरूआत हुए लगभग सात साल का लम्बा वक्त गुजरने को है। पीएम नरेन्द्र मोदी की स्वच्छ जल हर घरों तक पहुंचे इसके लिये साल 2018 के नवंबर माह में इस महत्वाकांक्षी योजना को टंडवा में उतारी गयी थी।
इस योजना को धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को तत्कालीन डीसी ने दिया था। डीएमएफटी मद से यह योजना धरा पर उतर आती तो प्रखंड के 25543 घरों को पाइप लाइन से स्वच्छ पानी की सप्लाई हो रही होती। परन्तु दुर्भाग्य है कि जिस योजना को 27 दिसम्बर 2022 को पूरा कर लेना था। उस वक्त मात्र 35 फीसदी ठेकेदार काम कर पाया था। विभाग की माने तो 30 सितम्बर 2024 तक इस प्रोजेक्ट को दूबारा पूरा करने की जिम्मेदारी दी गयी पर आज भी लगभग 55 फीसदी हीं काम पूरा हो पाया। जानकारी के अनुसार प्रखंड के 91 गांवों के घर -घर स्वस्छ पानी आपूत्र्ति के लिये जल नल योजना की शुरूआत 2018 में की गयी थी। इसके लिये बचरा के दामोदार नदी में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाकर पानी की सप्लाई करने की योजना है। जानकारों के मुताबिक दामोदर नदी में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तो बना लिया गया है। साथ हीं कल्याणपुर, सिदपा, डहू तथा बचरा में वाटर टैंक बनाये गये है जबकि शेष पंचायतों में काम कच्छप गति से चल रहा है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि उपरोक्त पंचायत में बने वाटर टैंक तक बिजली की सप्लाई शुरू हो जाती तो पाइप लाइन से पानी सप्लाई कुछ गांवों में आरंभ हो जाती। इधर ग्रामीणों का कहना है कि ठेकेदार के द्वारा करोड़ो की लोहे की पाइप दिखावा के लिये सिर्फ गांवों में गिरा कर खजाने से पैसा निकाल रहा है। गौर करें जिस योजना को साढे तीन साल में पूरे होने थे। उसमें सात साल का समय सिर्फ 55 फीसदी काम में लगे। इधर इस काम को पूरा करवाने के लिये सिमरिया के विधायक उज्ज्वल कुमार दास और पूर्व विधायक किसुन कुमार दास ने विस में जोरदार तरीके से उठाया पर सरकारी बाबुओं के कानों में जूं तक नहीं रेंगा। जबकि टंडवा के अधिकांश लोग आज भी तालाब और नदियों के पानी पी रहे हैं। इधर भाजयुमो के जिला महामंत्री विकास मालाकार का कहना है कि चतरा के नये डीसी के लिये टंडवा को पाइप लाइन से पानी पिलाना एक चुनौती है। 55 फीसदी काम पूरा: एसडीओ पीएचइडी विभाग के एसडीओ फैजल अहमद का कहना है कि टंडवा में जल नल योजना का काम 55 फीसदी पूरा हो चुका है। कुछ गांवों में पाइप भी बिछाये जा रहे है संभावना है कि तीन से चार माह के अंदर 25543 घरों में पानी की सप्लाई आरंभ हो जायेगी। गाड़ीलौंग में 12 करोड़ की योजना अधर में टंडवा और गाड़ीलौंग पंचायत में हर घर में पाइप लाइन से पानी की आपूत्र्ति के लिये पीएचइडी विभाग लगभग 12 करोड़ अलग से खर्च कर कर रहा है। यह योजना पिछले चार साल से चल रही है। परन्तु अब तक धरातल पर नहीं उतर पाया। भाजपा के मंडल महामंत्री रंजीत गुप्ता का कहना है कि कछुए की चाल को भी ठेकेदार और विभाग मात दे रहा है। ठेकेदार की लापारवाही अब बर्दास्त नहीं: विधायक सिमरिया विधायक उज्ज्वल कुमार दास का कहना है कि इस मामले को विस में उठाने के बाद भी ठेकेदार काम की गति नहीं बढा रहा है। टंडवा प्रखंड में शुद्व पानी पीने का संकट है। उन्होंने चेताया कि जल्द योजना नहीं उतरा तो विभाग और ठेकेदार की लापारवाही अब बर्दास्त नहीं की जायेगी।
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