उद्घाटन से पहले बेताजुरी-यजलबेड़ा पुल की एप्रोच सड़क बही
पश्चिम सिंहभूम जिले के मझगांव प्रखंड की सोनपोस पंचायत में डीएमएफटी फंड से बन रहे 72 लाख के पुल में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। पुल की एप्रोच सड़क पहली बारिश में बह गई और निर्माण की गुणवत्ता पर...

चाईबासा/मझगांव। पश्चिम सिंहभूम जिले में विकास योजनाओं में भ्रष्टाचार किस कदर हावी है, इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है मझगांव प्रखंड की सोनपोस पंचायत अंतर्गत बेताजुरी-यजलबेड़ा में डीएमएफटी फंड से 72 लाख की लागत से बन रहा पुल। इस पुल को ग्रामीणों की सुविधा के लिए बनाया जा रहा है। लेकिन, पुल अभी बन कर पूरा भी नहीं हुआ है कि दोनों साइड में बनी एप्रोच सड़क पहली बरसात में टूट कर बह गयी है। इसके साथ ही पुलिया के साथ साइड वॉल भी में भी दरार आ गयी है। उद्घाटन से पहले ही पुल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी है। इस संबंध में सहायक अभियंता श्यामल हांसदा ने बताया कि अभी निर्माण कार्य चालू है।
ऐसा मामला है, तो कनीय अभियंता को निर्देश दिया जा रहा है कि स्थल जांच कर रिपोर्ट दें। गड़बड़ी होगी, तो तोड़वाकर फिर से निर्माण कराया जाएगा। पीसीसी सड़क में सिर्फ तीन इंच की ढलाई मालूम हो कि ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल की योजनाओं का जिले में बुरा हाल है। लोगों का आरोप है कि इंजीनियर साइट पर जाते नहीं है, संवेदक मनमर्जी से काम करते हैं। इससे पुल की मजबूती की गुणवत्ता पर भी सवाल उठने लगे हैं। पुल कभी भी पानी के साथ बह सकता है। निर्माण इतना घटिया है कि पीसीसी सड़क में सिर्फ तीन इंच की ढलाई की गई है। अंदर कुछ भी नहीं डाला गया है। जिससे कि सड़क को मजबूती मिले। पुल निर्माण की गुणवत्ता पर पहले से हो रहा विरोध स्थानीय ग्रामीण पुल निर्माण की गुणवत्ता का पहले से ही विरोध कर रहे थे। इसके बावजूद इस पर विभाग के द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया। संवेदक अपने मनमानी पूरी कर इस काम को पूरा कर रहा है। स्थानीय ग्रामीण ने आरोप लगाते हुए बताया कि पुल की ढलाई भी काफी घटिया किस्म से की गयी है। गिट्टी, बालू, सीमेंट नाम मात्र की दी गई है। जितना गहराई पीलर की होनी चाहिए, उतनी नहीं है। जांच करने के लिए कोई इंजीनियर साइड आते ही नहीं थे, संवेदक के द्वारा हर जगह घटिया निर्माण किया गया है।
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