100 साल से जल रहे झरिया को बड़ी राहत, मोदी सरकार ने 5,940 करोड़ के मास्टर प्लान को मंजूरी
धनबाद के झरिया में पिछले सौ सालों से जमीन के नीचे आग लगी हुई है। इस आग और धसकती जमीन से पीड़ित लोगों के लिए केंद्र सरकार ने बड़ी राहत का ऐलान किया है। इन परिवारों को 5,940 करोड़ रुपए से पुनर्वासित किया जाएगा।

एक सदी से अधिक समय से धनबाद के झरिया में लगी भूमिगत आग और लगातार हो रहे भू-धंसान से अब राहत मिलने वाली है। इससे निपटने के लिए केंद्र सरकार ने संशोधित झरिया मास्टर प्लान को मंजूरी दी है। सरकार भूमिगत आग से निपटने और इससे प्रभावित परिवारों के पुनर्वास पर 5,940 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में संशोधित झरिया मास्टर प्लान (जेएमपी) पर मुहर लगाई गई। बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विणी वैष्णव ने कहा कि संशोधित मास्टर प्लान का पहला चरण तीन वर्ष में पूरा कर लिया जाएगा। पहले चरण में पहले का काम जो बचा हुआ है, उसे पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद दूसरा चरण लंबा होगा और इसमें सरकार यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेगी कि भविष्य में कभी भूमिगत आग दोबारा नहीं भड़के।
संशोधित झरिया मास्टर प्लान के तहत पुनर्वासित किए जा रहे परिवारों के लिए आजीविका सृजन पर अधिक जोर दिया गया है। पुनर्वासित परिवारों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए कौशल विकास कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे। आय के अवसर सृजित किए जाएंगे। इसके अलावा कानूनी स्वामित्व धारक (एलटीएच) परिवारों तथा गैर-कानूनी स्वामित्व धारक (गैर-एलटीएच) परिवारों को एक लाख रुपए का आजीविका अनुदान तथा तीन लाख रुपये तक संस्थागत ऋण देने का भी प्रावधान है। झरिया वैकल्पिक आजीविका पुनर्वास कोष की स्थापना की जानी है।
2009 में पहली बार मास्टर प्लान को मिली थी मंजूरी
झरिया पुनर्वास के लिए पहली बार मास्टर प्लान को केंद्र सरकार ने अगस्त, 2009 में मंजूरी दी थी। इसकी कार्यान्वयन अवधि 10 वर्ष और कार्यान्वयन-पूर्व अवधि दो वर्ष रखी गई थी। इसपर 7,112.11 करोड़ रुपये का अनुमानित खर्च की योजना थी। पूर्व की पुनर्वास योजना प्रभावित परिवारों के पुनर्वास में विफल साबित हुई और पिछली मास्टर प्लान योजना वर्ष 2021 अगस्त महीने में खत्म हो गई थी।