बोकारो में मां विपदतारिणी की पूजा को लेकर काली बाड़ी में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
बोकारो के सेक्टर 8 स्थित कालीबाड़ी में विपत्तारिणी पूजा के लिए शनिवार को हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। भक्तों ने मां काली के विपत्तारिणी स्वरूप की पूजा की और सुख-समृद्धि की कामना की। चास और आसपास...

बोकारो। बोकारो के सेक्टर 8 स्थित कालीबाड़ी में शनिवार को विपत्तारिणी पूजा को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह करीब 6 बजे से पूजा अर्चना के बीच हजारों लोगों ने मां काली की विपत्तारिणी रूप की पूजा की। इस अवसर पर पंडितों के वेदोच्चारण के बीच दोपहर 12 बजे तक मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ जमी रही। महिलाएं 13 प्रकार के फलो से मां की पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना की। वहीं चास व आसपास के क्षेत्र में भी मां की पूजा अर्चना धूमधाम से हुई। बाजुडीह गांव में मां विपत्तारिणी की पूजा अर्चना क दौरान माताओं-बहनों ने पुजारियों से मां विपत तारणी की कथा श्रवण कर एक दुसरे को रक्षा सुत्र बांध कर मंगल कामना की।
आषाढ़ माह से शुक्ल पक्ष के चतुर्थी तिथि व अष्ठमी तिथि को मां विपत तारणी की पूजा मनाने की प्रथा है। मां विपत तारणी को मां दुर्गा का ही एक स्वरूप माना जाता हैं। इसलिए माताओं एवं बहनो द्वारा नव प्रकार की फल फुल के अलावे नौ प्रकार की स्वादिष्ट व्यंजन या मिष्ठान्न भोजन का भोग लगाया जाता हैं। इसकी तैयारी एक दिन पूर्व माताओं द्वारा अधिवास व संयोत कर माता का मंदिर दर्शन करने के पश्चात ही शुद्ध भोजन करती हैं। दुसरा दिन नया वस्त्र व सोलह श्रृंगार कर देवी मंदिर में पूजा अर्चना कर जल ग्रहण करती हैं। कसमार में भी मां के भक्तों की उमड़ी भीड़ : कसमार प्रखंड के कई गांव में शनिवार को मां विपत्तारिणी की पूजा धूमधाम से संपन्न हुई। इस अवसर पर सुरजुडीह, मंजुरा, कसमार, धधकिया, खैराचातर, रांगामाटी समेत अन्य कई गांव में दुर्गा मंदिर एवं काली मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए सुबह से ही महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी थी। मंजुरा स्थित विपत्तारिणी मंदिर में भी इस दौरान सैकडों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। पंडित विधान चंद्र झा के मंत्रोच्चार के बीच सैकड़ों श्रद्धालुओं ने माँ विपत्तारिणी की पूजा अर्चना की। पूजा के दौरान व्रती महिलाओं ने तेरह तरह के फल, फूल व मिष्टान्न के साथ भोग लगाकर मां विपत्तारिणी की पूजा-अर्चना कर अपने पूरे परिवार, समाज की रक्षा व उन्नति के लिए मां से आर्शीवाद लिया। पूजा-अर्चना के दौरान व्रतियों ने माता से अपने परिवार और समाज में आने वाली विपत्तियो से मुक्ति की कामना की। पूजा में चढ़ाए गये लाल डोरे की तेरह गांठ लगाकर रक्षा कवच स्वरूप इस डोरे को बांह में श्रद्धालुओं ने धारण किया। सुरजुडीह प्राचीन काली मंदिर में पूजन अनुष्ठान आचार्य सुजय कुमार मुखर्जी एवं पुजारी प्रशांत मुखर्जी ने सम्पन्न कराया। .
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