Hindi Newsविदेश न्यूज़Who is Zohran Mamdani to become newyork first Muslim and Indian American mayor

कौन हैं भारतीय मूल के जोहरान ममदानी, बन सकते हैं न्यूयॉर्क के पहले मुस्लिम मेयर

जोहरान ममदानी ने न्यूयॉर्क मेयर चुनाव में अपनी जीत का दावा किया है। हालांकि 1 जुलाई तक फाइनल परिणाम सामने आएंगे। अगर वो जीतते हैं तो वो न्यूयॉर्क के पहले भारतीय-अमेरिकी और मुस्लिम मेयर बन जाएंगे।

Gaurav Kala न्यूयॉर्क, एपीThu, 26 June 2025 12:23 AM
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कौन हैं भारतीय मूल के जोहरान ममदानी, बन सकते हैं न्यूयॉर्क के पहले मुस्लिम मेयर

भारतीय मूल के ज़ोहरान ममदानी ने न्यूयॉर्क सिटी के मेयर पद की डेमोक्रेटिक प्राइमरी में पूर्व गवर्नर एंड्रयू कुओमो को पछाड़ते हुए मंगलवार रात अपनी जीत का ऐलान किया। 33 वर्षीय ममदानी अब न सिर्फ़ न्यूयॉर्क के पहले मुस्लिम और भारतीय-अमेरिकी मेयर बनने की ओर बढ़ रहे हैं, बल्कि वे पीढ़ियों में शहर के सबसे युवा मेयर भी हो सकते हैं। हालांकि अंतिम परिणाम 1 जुलाई को होने वाली रैंक्ड चॉइस काउंटिंग के बाद ही तय होगा, लेकिन उनकी इस अप्रत्याशित राजनीतिक छलांग ने देशभर का ध्यान खींचा है।

अपने भाषण में उन्होंने कहा है कि चुनावी जीत के बाद वो अपनी विचारधारा और उस मानवीय दृष्टिकोण से पीछे नहीं हटेंगे, लेकिन उन लोगों को भी समझने की कोशिश करेंगे जिनसे वे असहमत हैं।”

ममदानी के बारे में

ज़ोहरान ममदानी का जन्म युगांडा की राजधानी कंपाला में भारतीय माता-पिता के घर हुआ। वे 7 साल की उम्र में न्यूयॉर्क आ गए थे। उनकी मां मीरा नायर एक प्रसिद्ध फिल्म निर्माता हैं, जिन्होंने "मॉनसून वेडिंग", "द नेमसेक" और "मिसिसिपी मसाला" जैसी फिल्में बनाई हैं। उनके पिता महमूद ममदानी कोलंबिया यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं। उन्होंने 2014 में बोडॉइन कॉलेज (मेन) से अफ्रीकाना स्टडीज में स्नातक किया और वहीं "स्टूडेंट्स फॉर जस्टिस इन फिलिस्तीन" की स्थापना भी की।

रैपर से राजनेता बनने का सफर

कॉलेज के बाद ममदानी ने क्वींस में फोरक्लोज़र (नीलामी) से बचाव के लिए परामर्शदाता के रूप में काम किया, जहां उन्होंने लोगों को बेदखली से बचाने में मदद की। यहीं से उन्होंने राजनीति में उतरने का फैसला किया। एक समय में वे लोकल हिप-हॉप सीन का हिस्सा भी रहे और "यंग कार्डमम" तथा बाद में "मिस्टर कार्डमम" नाम से रैप किया करते थे। उनकी दादी को समर्पित गीत "नानी" ने उनके मेयर कैंपेन के दौरान खूब लोकप्रियता पाई।

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राजनीतिक सफर और विवाद

2020 में वे पहली बार न्यूयॉर्क असेंबली के लिए चुने गए और तब से दो बार फिर से जीत चुके हैं। वे डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट विचारधारा से जुड़े हैं और मुफ्त बस सेवा जैसी योजनाओं के लिए जाने जाते हैं। हालांकि उनका इज़रायल और फिलिस्तीन को लेकर रुख काफी तीखा रहा है। उन्होंने गाज़ा पर इज़रायली हमलों को "नरसंहार" कहा है और यह भी कहा कि इज़रायल को एक "यहूदी राष्ट्र" नहीं बल्कि "समान अधिकारों वाला राज्य" होना चाहिए। उनके विरोधियों ने इस पर उन्हें एंटीसेमिटिक बताने की कोशिश की। वहीं ममदानी ने जवाब में कहा कि उनका मकसद केवल मानवता और समानता की मांग है।

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