US में जन्म तो मिलेगी नागरिकता? SC में ट्रंप सरकार की बड़ी जीत; निचली अदालतों पर कसी लगाम
अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन को बड़ी राहत देते हुए जन्म के आधार पर अमेरिका की नागरिकता मामले में निचली अदालतों की शक्तियां सीमित कर दी हैं।

अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने डोनाल्ड ट्रंप की सरकार को बड़ी राहत देते हुए निचली अदालतों की सरकारी नीतियों में दखल देने की शक्तियों को सीमित करने का आदेश दिया है। 6-3 के बहुमत से सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अमेरिका में जन्म के आधार पर नागरिकता देने के खिलाफ डोनाल्ड ट्रंप की सरकार के फैसले पर फेडरल कोर्ट बड़ा फैसला नहीं सुना सकते। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि मैरीलैंड, मैसाचुसेट्स और वॉशिंगनट के फेडरल जजों ने उनके आदेश को लागू करने से रोक दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निचली अदालतों को अपने फैसलों की समीक्षा करनी चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि अब से 30 दिनों तक ट्रंप सरकार का फैसला लागू नहीं होगा। बता दें कि दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद पहले ही दिन डोनाल्ड ट्रंप ने कई आदेशों पर साइन कर दिए थे। इनमें ही यह आदेश भी शामिल था कि केवल अमेरिका में जन्म के आधार पर किसी को यहां की नागरिकता नहीं दी जा सकती।
ट्रंप के आदेश में कहा गया था कि अमेरिका की नागरिकात के लिए बच्चे के पैरंट्स में से कम से कम एक का अमेरिका का नागरिक या फिर ग्रीन कार्ड होल्डर होना जरूरी है। अगर डोनाल्ड ट्रंप का आदेश लागू होता है तो लगभग डेढ़ लाख बच्चे अमेरिका की नागरिकता से वंचित हो जाएंगे। इसी के खिलाफ कई प्रांतों के डेमोक्रेटिक अटॉर्नी जनरल और इमिग्रेशन अधिकारियों के लिए काम करने वाले वकीलों ने अदालत का रुख किया था।
सुप्रीम कोर्ट के सामने ट्रंप प्रशासन ने कहा था कि फेडरल जज जिस तरह से पूरे देश मेंलागू करने के लिए फैसले सुना रहे हैं वे उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर की बात है। राष्ट्रपति के आदेशों को लागू करने से फेडरल जज नहीं रोक सकते हैं। वहीं अन्य याचिकाकर्ताओं का कहना था कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन 14वें संशोधन का उल्लंघन कर रहे हैं। अमेरिका में गुलामी को खत्म करने के लिए 1868 में यह कानून बनाया गया था कि अगर कोई प्राकृतिक तरीके से अमेरिका में जन्म लेता है तो उसे अमेरिका की नागरिकता दी जाएगी। चाहे वे किसी भी देश के रहने वाले हों।
बता दें कि 1898 में अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सैन फ्रांसिस्को में जन्मे वोंग किम आर्क के पैरंट्स चीन से आए थे। लेकिन वोंग अमेरिका के नागरिक हैं। वहीं सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला 100 साल पुराने फैसले को बड़ी चुनौती दे रहा है। अमेरिका में नागरिकता के इतिहास में इसे बड़ा टर्निंग पॉइंट माना जा रहा है। डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि इस कानून का गलत इस्तेमाल हो रहा है। विदेशी नागरिक बच्चों को अमेरिका की नागरिकता दिलाने के लिए उन्हें अमेरिका में जन्म देते हैं। ऐसे में यह एक लूप होल है।
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