यूक्रेन से मिले जख्मों को भूल पुतिन ने तुर्की भेजी टीम, दुश्मन से शांति वार्ता के पीछे क्या रणनीति
एक दिन पहले यूक्रेन ने रूस में घुसकर उसके कम से कम चार एयरबेसों पर ड्रोन हमला करके 40 से अधिक बमवर्षक विमानों को उड़ा दिया। इतनी बड़ी चोट के बीच आज तुर्की में दोनों दुश्मन शांति वार्ता के लिए मिल रहे हैं।

तीन साल से जारी जंग और रूस की धरती पर यूक्रेनी ड्रोन हमलों के बीच शांति की नई कोशिश को एक नया मौका मिल रहा है। यूक्रेन और रूस के प्रतिनिधि सोमवार को इस्तांबुल में आमने-सामने बैठेंगे। यह बातचीत ऐसे समय पर हो रही है जब एक दिन पहले रूस के भीतर कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर अब तक के सबसे बड़े ड्रोन हमले किए गए हैं। कम से कम 40 रूसी विमानों को तबाह कर दिया गया। सिर्फ यूक्रेन ही नहीं, रूस ने भी यूक्रेन पर अपने अब तक के सबसे बड़े ड्रोन हमले किए हैं, जिनमें 340 से ज़्यादा नागरिक मारे गए। ऐसे में शांति वार्ता का प्रस्ताव कितना ईमानदार है, इस पर सवाल उठ रहे हैं।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने घोषणा की कि उनका एक प्रतिनिधिमंडल इस्तांबुल में रूस के साथ सीधी वार्ता करेगा। वार्ता का उद्देश्य दीर्घकालिक शांति के लिए एक रोडमैप पेश करना है, जिसमें शुरुआत के तौर पर 30 दिनों का युद्धविराम, कैदियों की अदला-बदली, और रूसी कब्जे वाले क्षेत्रों से यूक्रेनी बच्चों की वापसी शामिल है।
रॉयटर्स के मुताबिक, इस प्रस्ताव के अगले चरण में राष्ट्रपति जेलेंस्की और राष्ट्रपति पुतिन की सीधी बैठक का भी प्रस्ताव है। रूसी विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव ने पुष्टि की है कि अगली वार्ता सोमवार को तुर्की के इस्तांबुल में होगी। यूक्रेन ने भी अपनी टीम भेजने की घोषणा की है। यूक्रेन की ओर से फिर से रक्षा मंत्री रुस्तेम उमेरोव इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।
ज़ेलेंस्की का संदेश- सिर्फ बातचीत से नहीं चलेगा का
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने साफ़ किया है कि बिना स्पष्ट एजेंडे और गंभीर तैयारी के ऐसी बैठकें महज़ दिखावा हैं। उन्होंने तुर्की के विदेश मंत्री और राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोआन के साथ इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की। ज़ेलेंस्की का आरोप है कि रूस अब तक सीज़फायर की अपनी शर्तें पेश करने में विफल रहा है, जबकि यूक्रेन ने पिछले हफ्ते ही अपना प्रस्ताव सौंप दिया था। उन्होंने रूस की चुप्पी को "एक और धोखा" बताया।
कितनी सफल रहेगी बातचीत
यह बातचीत उस वक्त हो रही है जब यूक्रेन ने एक साहसिक ऑपरेशन में रूस के चार सैन्य हवाई अड्डों पर ड्रोन हमले कर 40 से अधिक रूसी सैन्य विमानों को नष्ट या क्षतिग्रस्त कर दिया है। यूक्रेन की सुरक्षा एजेंसी SBU के सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि हमले में Tu-95 और Tu-22 जैसे रणनीतिक बमवर्षक विमान भी शामिल थे, जिनका इस्तेमाल रूस, यूक्रेन पर लंबी दूरी की मिसाइल हमलों में करता रहा है।
जानकारों के मुताबिक, पुतिन अंतरराष्ट्रीय दबाव को कम करने और खुद को शांति की पहल करने वाले नेता के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि जमीनी स्तर पर रूस सैन्य दबाव बनाए रखना चाहता है। ऐसे में यह वार्ता रूस के लिए कूटनीतिक मोर्चे पर संतुलन साधने की एक चाल भी हो सकती है — जिससे वह वैश्विक आलोचना से बचते हुए अपनी सैन्य बढ़त बनाए रख सके।
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