ईरान सरेंडर करे, ऐसा वक्त नहीं आएगा; अमेरिका और इजरायल को खामेनेई ने सुना डाला
खामेनेई ने कहा कि ऐसा क्षण कभी नहीं आएगा, जब ईरान सरेंडर कर दे। अयातुल्ला खामेनेई ने कहा कि ईरान के दुश्मन मिसाइलों और हमारे न्यूक्लियर प्रोग्राम का बहाना बनाकर हमले कर रहे थे, लेकिन सच यह है कि उनकी चाहत हमारे सरेंडर की थी। ट्रंप ने सच्चाई यह कहते हुए बयां भी कर दी थी कि वे हमारा सरेंडजर चाहते हैं।

ईरान पर हमला करके अमेरिका को कुछ भी हासिल नहीं हुआ है। यदि उसने कभी भविष्य में ईरान पर हमले की कोशिश की तो उसे भारी कीमत चुकानी होगी। ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने इजरायल के साथ सीजफायर के बाद पहली बार यह बात कही। गुरुवार को पहली बार सार्वजनिक भाषण देते हुए खामेनेई ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने एक भाषण में कहा था कि ईरान को सरेंडर कर देना चाहिए। यह मामला यूरेनियम का लेवल बढ़ाने का नहीं है और ना ही यह न्यूक्लियर इंडस्ट्री का मसला है। यह बात तो ईरान के सरेंडर की है। उनका यह कहना था, लेकिन हम स्पष्ट करते हैं कि ईरान कभी सरेंडर नहीं करेगा।
खामेनेई ने कहा कि ऐसा क्षण कभी नहीं आएगा, जब ईरान सरेंडर कर दे। अयातुल्ला खामेनेई ने कहा कि ईरान के दुश्मन मिसाइलों और हमारे न्यूक्लियर प्रोग्राम का बहाना बनाकर हमले कर रहे थे, लेकिन सच यह है कि उनकी चाहत हमारे सरेंडर की थी। ट्रंप ने सच्चाई यह कहते हुए बयां भी कर दी थी कि वे हमारा सरेंडजर चाहते हैं। लेकिन सरेंडर कभी नहीं होगा। हमारा देश ताकतवर है। दरअसल डोनाल्ड ट्रंप ने सीजफायर से पहले एक बयान में कहा था कि हम चाहते हैं कि ईरान सरेंडर कर दे। उसे सरेंडर करना ही चाहिए।
हमारी पहुंच अमेरिका के बेस तक, सबक भी सिखा दिया
ईरानी लीडर ने कहा कि इस्लामिक रिपब्लिक के पास अमेरिकी केंद्रों तक पहुंच है। हमने यह साबित कर दिया है और जब भी जरूरी लगेगा, हम हमले कर सकते हैं। भविष्य में भी ऐसे ऐक्शन लिए जा सकते हैं। यदि किसी भी तरह का हमला हुआ तो फिर दुश्मन को बड़ी कीमत चुकानी होगी। खामेनेई ने कहा कि हमने अमेरिका पर एक जोरदार थप्पड़ जड़ा है। हमने अल-उदेद एयरबेस पर हमला किया है। यह इस क्षेत्र में अमेरिका का सबसे बड़ा एयरबेस है। उन्होंने कहा कि मैं ईरान के लोगों को बधाई देता हूं कि हमारे देश ने अमेरिका को इतनी ताकत से सबक सिखाया है। यही नहीं जंग में अमेरिका के शामिल होने को भी उन्होंने इजरायल की कमजोरी बताया।
अमेरिका को लगा इजरायल बर्बाद हो जाएगा, इसलिए जंग में कूदा
उन्होंने कहा कि अमेरिका को जब यह लगा कि यदि उसने दखल नहीं दिया तो इजरायल बर्बाद हो जाएगा। इसीलिए उसने जंग में हिस्सा लिया। खामेनेई ने कहा कि इजरायल को बचाने के लिए ही अमेरिका ने जंग में उतरने का फैसला लिया। खामेनेई ने कहा कि भले ही कितनी भी बातें कर ली जाएं, लेकिन यह सच है कि ईरान ने यहूदी देश को परास्त कर दिया है।
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