भगोड़ा है हसीना की भतीजी ट्यूलिप सिद्दीक, इंटरपोल से मांगी मदद; क्यों पीछे पड़ा बांग्लादेश?
ट्यूलिप सिद्दीक ने जनवरी 2025 में ब्रिटेन की ट्रेजरी में आर्थिक सचिव के पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपने इस्तीफे में कहा कि उनके पारिवारिक संबंध (शेख हसीना से रिश्ता) ब्रिटिश सरकार के काम में परेशानी पैदा कर रहे हैं।

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की भतीजी और ब्रिटिश सांसद ट्यूलिप सिद्दीक इन दिन विवादों के केंद्र में हैं। बांग्लादेश के भ्रष्टाचार निरोधी आयोग ने ट्यूलिप के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है और इस मामले में इंटरपोल की मदद लेने की बात कही जा रही है। बांग्लादेश की भ्रष्टाचार विरोधी संस्था एंटी करप्शन कमीशन (एसीसी) के अध्यक्ष मोहम्मद अब्दुल मोमेन ने मंगलवार को कहा कि ट्यूलिप सिद्दीक पर कार्रवाई इंटरपोल से परामर्श के बाद की जाएगी। लेकिन आखिर क्यों बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ट्यूलिप सिद्दीक के पीछे पड़ी है? आइए, जानते हैं।
मोमेन ने मीडिया से बातचीत में कहा, "ट्यूलिप सिद्दीक के खिलाफ वारंटी जारी है और उन्हें भगोड़ा घोषित किया गया है। इंटरपोल से सलाह-मशविरा कर हम आगे की कार्रवाई करेंगे।" यह बयान ऐसे समय आया है जब एक दिन पहले ट्यूलिप सिद्दीक ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर उनकी छवि खराब करने के लिए "झूठा अभियान" चलाने का आरोप लगाया था।
भ्रष्टाचार के आरोप और गिरफ्तारी वारंट
ट्यूलिप सिद्दीक ब्रिटेन की लेबर पार्टी की सांसद हैं और लंदन के हैम्प्सटेड और हाईगेट निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं। उन पर बांग्लादेश में शेख हसीना के शासनकाल के दौरान अवैध रूप से जमीन हासिल करने और भ्रष्टाचार में शामिल होने के आरोप लगे हैं। बांग्लादेश के भ्रष्टाचार निरोधी आयोग ने अप्रैल 2025 में ट्यूलिप, शेख हसीना, उनकी बहन शेख रेहाना और अन्य 50 लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
आयोग का दावा है कि ट्यूलिप ने अपनी खाला शेख हसीना के प्रधानमंत्री रहते हुए अपने राजनीतिक प्रभाव का दुरुपयोग कर ढाका में गैरकानूनी तरीके से भूखंड हासिल किए। इसके अलावा, यह भी आरोप है कि हसीना सरकार के दौरान लगभग 234 अरब डॉलर (लगभग 27.38 लाख करोड़ टका) भ्रष्टाचार के जरिए देश से बाहर भेजे गए, जिनमें से एक बड़ा हिस्सा ब्रिटेन में निवेश किया गया।
इंटरपोल की मदद क्यों?
बांग्लादेश पुलिस के राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो (NCB) ने हाल ही में इंटरपोल के माध्यम से एक अनुरोध भेजा है, जिसमें शेख हसीना सहित 12 लोगों के खिलाफ रेड नोटिस जारी करने की मांग की गई। रेड नोटिस का उपयोग प्रत्यर्पण या कानूनी कार्रवाई के लिए व्यक्तियों का पता लगाने और उन्हें अस्थायी रूप से गिरफ्तार करने में किया जाता है। भ्रष्टाचार निरोधी आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि ट्यूलिप के खिलाफ कार्रवाई को मजबूत करने के लिए इंटरपोल के साथ परामर्श किया जाएगा। हालांकि, यह मामला जटिल है क्योंकि ब्रिटेन और बांग्लादेश के बीच कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है। इसलिए, गिरफ्तारी वारंट को लागू करना कानूनी और कूटनीतिक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
बांग्लादेश समाचार संघ (BSS) के अनुसार, एसीसी प्रमुख ने कहा, "सिर्फ पत्र भेजकर मामले को सुलझा लिया जाएगा, यह उम्मीद नहीं की जा सकती। अगर किसी के खिलाफ मामला दर्ज है, तो उसे अदालत का सामना करना चाहिए। अगर किसी के पास कोई शिकायत है, तो उसे अदालत जाना चाहिए।" उन्होंने कहा कि सिद्दीक की ओर से सात दिनों में जवाब न मिलने की स्थिति में वह यह दावा नहीं कर सकतीं कि उन्हें आरोपों से राहत मिल गई है। मोमेन ने कहा, "यह हास्यास्पद है।"
“वह बांग्लादेश की नागरिक हैं”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह मामला न तो राजनीतिक है और न ही किसी प्रकार से दुर्भावना से प्रेरित। वह सिर्फ एक आरोपी हैं, और कई अन्य आरोपी भी हैं। यह स्पष्ट है कि वह बांग्लादेश की नागरिक हैं। उन्होंने कहा कि सिद्दीक के पास राष्ट्रीय पहचान पत्र (NID), टैक्स आइडेंटिफिकेशन नंबर (TIN) है और उन्होंने नेशनल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू (NBR) में आयकर विवरण दाखिल किया है। इसी वजह से उनके खिलाफ मामला बांग्लादेश में दर्ज किया गया है।
गौरतलब है कि एसीसी ने यह जांच उस समय शुरू की थी जब पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार को छात्र आंदोलन के बाद सत्ता से हटाया गया था। ब्रिटिश चैनल ‘स्काई न्यूज’ के अनुसार, सिद्दीकी के वकीलों का कहना है कि मोहम्मद यूनुस ने जांच को अनुचित तरीके से प्रभावित किया है। सिद्दीक के वकीलों द्वारा यूनुस को भेजे गए एक पत्र में लिखा है, "मीडिया को लगातार जानकारी देना, हमारे पत्रों का जवाब न देना, और यूनाइटेड किंगडम दौरे के दौरान सिद्दीक से मिलने या उनसे पूछताछ तक न करना- ये सभी चीजें निष्पक्ष, वैध और गंभीर जांच के मापदंडों के खिलाफ हैं।" ट्यूलिप ने यह भी कहा, "मैं ब्रिटेन की जनता द्वारा चुनी गई हूं और मुझे उनके लिए काम करने से कोई नहीं रोक सकता। मैं बांग्लादेश की गंदी राजनीति में नहीं घसीटी जा सकती।"
यह पूरा मामला बांग्लादेश में पिछले साल हुए राजनीतिक उथल-पुथल से जुड़ा है। अगस्त 2024 में छात्रों के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के बाद शेख हसीना की सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया गया था। हसीना को देश छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी। इसके बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनी, जिसने हसीना और उनके परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच तेज कर दी। यूनुस ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा था कि ट्यूलिप के पास बांग्लादेश में "अपार संपत्ति" है और उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। इसके जवाब में ट्यूलिप ने यूनुस पर ब्रिटेन की राजनीति में दखल देने का आरोप लगाया।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।