हिमाचल की सुक्खू सरकार का क्या है नया संकट, इस्तीफे वाली बात से मंत्री के बेटे ने मचा दी हलचल
हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार में एक बार फिर आपसी खींचतान और फूट सामने आ गई है। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के पूर्व विधायक ने अपने मंत्री पिता से इस्तीफे की अपील कर डाली।

हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार में एक बार फिर आपसी खींचतान और फूट सामने आ गई है। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के पूर्व विधायक ने अपने मंत्री पिता से इस्तीफे की अपील कर डाली। उन्होंने भले ही सोशल मीडिया पोस्ट को डिलीट कर दिया, लेकिन बात जंगल में आग की तरह फैल चुकी थी।
पूर्व विधायक नीरज भाटी ने 19 जून को एक सोशल मीडिया पोस्ट में अपने पिता चंदर कुमार से अपील की कि वह सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार से इस्तीफा दे दें। सरकारी कर्मचारियों के ट्रांसफर के मुद्दे पर पहले से घिरी सुक्खू सरकार के लिए इसे नया झटका माना जा रहा है। हालांकि मंत्री ने अपने बेटे के गुस्से को कम करने का प्रयास किया और उनके बयान को 'हताशा में एक युवा प्रतिक्रिया'बताया, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि चल रहे तबादलों ने 'भानुमती का पिटारा खोल दिया है', जो सरकार के लिए गहरी प्रशासनिक चुनौतियों का संकेत है।
मंत्री ने भारती के बयान के बाद कहा, 'मुद्दा खत्म हो चुका है। चीजें ठीक कर ली गई हैं। सीएम सुक्खू ने मेरे बेटे से बात की है।' हालांकि, भारती को पिता की ओर से दिया गया 'युवा खून' वाला संदर्भ पसंद नहीं आया। उन्होंने 20 जून को एक बार फिर सोशल मीडिया पर खुलकर अपनी बात कही और लिखा कि उनकी लड़ाई केवल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए है। उन्होंने यहां तक कहा दिया कि वह पिता के खिलाफ भी अगला विधानसभा चुनाव लड़ने को तैयार हैं।
उसी दिन भारती शिमला भी पहुंचे लेकिन मुख्यमंत्री के व्यस्त होने की वजह से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी। उन्होंने कहा, 'मैं विकास के खिलाफ नहीं हूं। मेरी चिंता है कि कुछ लोग ट्रांसफर और पोस्टिंग जैसे काम के लिए पैसे ले रहे हैं। इसी वजह से मैंने अपने पिता को इस्तीफा देने के लिए कहा। मामला खत्म हो गया है। उम्मीद है कि रविवार को मेरी मुलाकात मुख्यमंत्री से हो जाए।'
शनिवार को कुमार ने आरोप लगाया कि एक व्यक्ति जो डेहरा विधानसभा उपचुनाव के दौरान उनके नजदीक आया कथित तौर पर ट्रांसफर के लिए बिचौलिए का काम कर रहा है। उन्होंने उनकी विधानसभा जावाली में भी हस्तक्षेप का आरोप लगाया। इस सीट पर 2012 से 17 तक उनके बेटे विधायक थे। हालांकि, उन्होंने यह बी कहा कि हो सकता है कि मुख्यमंत्री इस शख्स से अवगत ना हों।
रविवार शाम भारती और सुक्खू के बीच मुलाकात हुई। इसके बाद उन्होंने कहा कि सीएम ने उन्हें जांच और कार्रवाई का भरोसा दिया है। उन्होंने कहा, 'लंबे और सकारात्मक चर्चा के बाद मतभेद खत्म हो गए हैं। मुख्यमंत्री ने जावाली विधानसभा में विकास कार्यों को समय पर पूरा करवाने का भरोसा दिया है।' ताजा विवाद के बाद कांग्रेस के कई नेता दबी जुबान में मानते हैं कि पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं और नेतृत्व के बीच प्रशासनिक फैसलों और सत्ता के गलियारों तक पहुंच नहीं होने से फूट बढ़ी है। इस विवाद ने भाजपा को भी सरकार पर नए हमलों का मौका दे दिया है। हिमाचल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल ने सीएम पर निरंकुश तरीके से सरकार चलाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, 'कांग्रेस सरकार में जो रहा है उससे मुझे हैरानी नहीं है। सुक्खू से कौन सा मंत्री खुश है? या तो उनके मंत्री अलगाव में हैं या मुख्यमंत्री खुद। हम सभी को याद है कि 2023 में क्या हुआ जब पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने इस्तीफे की धमकी दी क्योंकि सरकार ने उन्हें पिता और पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की मूर्ति लगाने की अनुमति नहीं दी थी।'
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