हिमाचल प्रदेश में मल्टी टास्क वर्करों का मानदेय बढ़ा, 500 पशु मित्रों की होगी भर्ती; कैबिनेट के फैसले
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में शनिवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। कैबिनेट ने पशुपालन विभाग में 500 पशु मित्रों के पदों को भरने की मंजूरी दी है। इन्हें पांच हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में शनिवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। कैबिनेट ने पशुपालन विभाग में 500 पशु मित्रों के पदों को भरने की मंजूरी दी है। इन्हें पांच हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा। बैठक में लोक निर्माण विभाग के मल्टी टास्क वर्करों के मानदेय में 500 रुपए की बढ़ोतरी कर उसे 5500 रुपए प्रतिमाह करने को स्वीकृति दी गई। इससे लगभग 5 हजार वर्करों को फायदा होगा।
इसके अलावा प्रदेश की सभी 3645 पंचायतों में आपदा की स्थिति में त्वरित राहत व बचाव कार्य सुनिश्चित करने के लिए ‘पंचायत आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र’ स्थापित करने की भी मंजूरी प्रदान की है। बैठक में पे मैट्रिक्स लेवल-11 के पदों को ग्रुप-बी से ग्रुप-सी में पुनर्वर्गीकृत करने का भी निर्णय लिया गया, जिससे अब केवल हिमाचल प्रदेश के मूल निवासी ही इन पदों के लिए आवेदन कर सकेंगे। पूर्व में ये पद ग्रुप-बी में आते थे और भर्ती हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा की जाती थी। अब इन्हें ग्रुप-सी श्रेणी में रखते हुए भर्ती हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग द्वारा की जाएगी।
कैबिनेट ने दूध प्रोत्साहन योजना शुरू करने को भी स्वीकृति दी है। इसके अंतर्गत गैर-सरकारी डेयरी सहकारी समितियों को दूध आपूर्ति करने वाले किसानों को प्रति लीटर तीन रुपए की सब्सिडी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से प्रदान की जाएगी। इसके अलावा पर्यटन गतिविधियों को विकेंद्रीकृत करने और शिमला शहर पर बोझ कम करने के लिए हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम का मुख्यालय शिमला से धर्मशाला स्थानांतरित करने को भी मंजूरी दी है। यह कांगड़ा को राज्य की पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने के सरकार के विजन का हिस्सा है।
बैठक में जिला पुलिस देहरा की पुलिस लाइनों में विभिन्न श्रेणियों के 101 पदों के सृजन और उन्हें भरने की भी स्वीकृति प्रदान की गई। स्वरोजगार को बढ़ावा देने और परंपरागत ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता घटाने के लिए मंत्रिमंडल ने सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए ब्याज सब्सिडी योजना को मंजूरी दी है। इसके तहत जनजातीय क्षेत्रों में 100 किलोवाट से 1 मेगावाट तक की परियोजनाओं के लिए 5 प्रतिशत और गैर-जनजातीय क्षेत्रों में 250 किलोवाट से 2 मेगावाट तक की परियोजनाओं के लिए 4 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
मंत्रिमंडल ने ग्रीन पंचायत योजना के तहत हिमुर्जा और चयनित ग्राम पंचायतों के बीच 100 पंचायतों में 500 किलोवाट सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने हेतु समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने की अनुमति भी दी है। प्रत्येक परियोजना से लगभग 25 लाख रुपए प्रति माह राजस्व अर्जित होने की संभावना है, जिसमें से 40 प्रतिशत आय संबंधित ग्राम पंचायतों को, 30 प्रतिशत हिमुर्जा को, 20 प्रतिशत राज्य सरकार को तथा शेष 10 प्रतिशत आय अनाथों और विधवाओं के कल्याण के लिए ग्राम पंचायतों को दी जाएगी।
रिपोर्ट : यूके शर्मा
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