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हिमाचल में आसमानी आफत और बारिश का कहर, 7 की मौत, 6 अब भी लापता; 31 ट्रैकर रेस्क्यू

हिमाचल प्रदेश में मूसलधार बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। कांगड़ा और कुल्लू जिलों में बाढ़ और भूस्खलन से हालात गंभीर बने हुए हैं। इन हादसों में अब तक कुल 7 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 6 लोग अब भी लापता हैं।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, शिमलाFri, 27 June 2025 10:40 AM
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हिमाचल में आसमानी आफत और बारिश का कहर, 7 की मौत, 6 अब भी लापता; 31 ट्रैकर रेस्क्यू

हिमाचल प्रदेश में मूसलधार बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। कांगड़ा और कुल्लू जिलों में बाढ़ और भूस्खलन से हालात गंभीर बने हुए हैं। इन हादसों में अब तक कुल 7 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 6 लोग अब भी लापता हैं। राहत की बात यह है कि एक मजदूर को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है। इसके साथ ही लाहौल-स्पीति जिले से फंसे 31 ट्रैकर्स को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।

सबसे भीषण हादसा दो दिन पहले धर्मशाला के खनियारा क्षेत्र में हुआ, जहां भारी बारिश के कारण मनूनी खड्ड में अचानक बाढ़ आ गई। इंदिरा हाइड्रो प्रोजेक्ट में कार्यरत कई मजदूर इस बाढ़ की चपेट में आ गए। घटना के बाद एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की संयुक्त टीमों ने राहत कार्य शुरू किया। अब तक इस घटनास्थल से पांच मजदूरों के शव बरामद किए गए हैं, जिन्हें पोस्टमॉर्टम के लिए जोनल अस्पताल धर्मशाला भेजा गया है।

मृतकों की पहचान हो चुकी है। इनमें चेन सिंह पुत्र मुखाराम निवासी कुमहारी बटेही, तहसील भाला, जिला डोडा (जम्मू-कश्मीर); आदित्य ठाकुर पुत्र शिव कुमार निवासी सुनारा, तहसील धरवाला, जिला चंबा (हिमाचल प्रदेश); प्रदीप कुमार वर्मा पुत्र रामाकांत वर्मा और चंदन कुमार वर्मा पुत्र प्रदीप कुमार वर्मा, दोनों निवासी सोहनपुर देवरिया (उत्तर प्रदेश); और संजय पुत्र हरबंस, निवासी पंकुरा, तहसील फतेहपुर, जिला कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) शामिल हैं।

इसी हादसे में एक मजदूर को SDRF की टीम ने जीवित बचा लिया है। उसकी पहचान लवली पुत्र सुरमा राम निवासी गांव पूना, डाकघर सुनारा, तहसील धरवाला, जिला चंबा के रूप में हुई है। वह जंगल की ओर भाग रहा था, तभी राहत टीम ने उसे सुरक्षित बाहर निकाल लिया।

एसएसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि SDRF की दो टीमें और होम गार्ड की एक यूनिट घटनास्थल पर तैनात हैं। प्रशासन ने इलाके की घेराबंदी कर बाकी मजदूरों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया है और सर्च ऑपरेशन को तेज कर दिया गया है। कमांडेंट बलजिंदर सिंह के नेतृत्व में एनडीआरएफ की 14वीं बटालियन की टीम ने घटनास्थल को दो हिस्सों में बांटकर गहन तलाशी अभियान चलाया। हालांकि, मौसम खराब होने के चलते सर्च ऑपरेशन फिलहाल रोका गया है और इसे शुक्रवार सुबह दोबारा शुरू किया जाएगा।

कुल्लू जिले में भी दो दिन पहले तेज बारिश और बादल फटने से कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। राहत टीमें वहां भी लगातार तलाशी अभियान में जुटी हैं।

24 घंटे के लिए फिर से भारी बारिश का अलर्ट जारी

मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटे के लिए फिर से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू, मंडी, शिमला और सोलन जिलों में फ्लैश फ्लड की चेतावनी दी गई है। विभाग ने 2 जुलाई तक प्रदेशभर में भारी वर्षा की संभावना जताई है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदी-नालों और खड्डों से दूर रहें और पूरी सतर्कता बरतें।

इस बीच लाहौल-स्पीति जिले से राहत की खबर आई है। वहां खराब मौसम के कारण फंसे 31 ट्रैकर्स को पुलिस और राहत टीमों ने सुरक्षित रेस्क्यू किया है। ट्रैकर्स मौसम बिगड़ने से रास्ता बंद होने के कारण फंस गए थे, जिन्हें समय पर निकाला गया।

प्रशासन ने प्रदेशभर में अलर्ट जारी कर दिया है और सभी जिलों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। सभी राहत एजेंसियां मैदान में सक्रिय हैं और हालात पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

रिपोर्ट : यूके शर्मा

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