विमान हादसे में जान गंवाने वाले डॉक्टर्स की मदद को आगे आया UAE का कारोबारी, बांटे इतने करोड़ रुपए
संयुक्त अरब अमीरात के प्रसिद्ध कारोबारी डॉ वायालिल ने एयर इंडिया के विमान दुर्घटना के बाद हादसे में मारे गए MBBS विद्यार्थियों के परिजनों के बीच छह करोड़ रुपए की आर्थिक मदद देने की बात कही थी।

गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून को हुए विमान हादसे में उसमें सवार यात्रियों के साथ ही कुल 275 लोगों की मौत हो गई थी। इस दुर्घटना में बीजे मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहे वे स्टूडेंट्स भी मारे गए, जो उस वक्त घटनास्थल पर मौजूद थे और वहां गिरे विमान की चपेट में आ गए थे। इस हादसे के बाद संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के कारोबारी और समाजसेवी डॉ. शमशीर वायालिल ने हादसे में जान गंवाने वाले ऐसे ही मेडिकल छात्रों के परिजनों की आर्थिक मदद करने की घोषणा करते हुए उनके बीच 6 करोड़ रुपए की मदद बांटने का ऐलान किया था। जिसके बाद मंगलवार को उन्होंने अपना वादा निभाया और अहमदाबाद आकर मृतकों के परिजनों को आर्थिक मदद के चेक सौंपे।
यूएई बेस्ड हेल्थकेयर कारोबारी डॉ. शमशीर वायालिल ने घोषणा की थी कि वह उन MBBS छात्रों के परिवार की मदद करेंगे, जिनकी लंदन जाने वाली उड़ान के रवाना होने के कुछ ही मिनट बाद कॉलेज के अतुल्यम छात्रावास भवन से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना में मौत गई थी। उन्होंने घायलों की भी सहायता करने का ऐलान किया था।
इस बारे में जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया कि डॉ. शमशीर वायालिल ने दुर्घटना में जान गंवाने वाले चार स्टूडेंस के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपए के चेक सौंपे। जिनमें ग्वालियर के रहने वाले MBBS प्रथम वर्ष के छात्र आर्यन राजपूत, राजस्थान के श्रीगंगानगर में अपने माता-पिता के साथ रहने वाले मानव भाडु, राजस्थान के बाड़मेर के रहने वाले जयप्रकाश चौधरी,और गुजरात के भावनगर के राकेश दियोरा के परिवारों को वित्तीय सहायता देते हुए उन्हें एक-एक करोड़ रुपए के चेक सौंपे।
इसके अलावा, उनकी तरफ से छह अन्य मृतकों के परिजनों को भी सहायता राशि दी गई। विज्ञप्ति के अनुसार इनमें पत्नी एवं अन्य रिश्तेदार को खोने वाले न्यूरोसर्जरी रेजिडेंट डॉ. प्रदीप सोलंकी, अपने परिवार के तीन सदस्यों को खो देने वाले सर्जिकल ऑन्कोलॉजी रेजिडेंट डॉ. नीलकंठ सुथार और अपने भाई को खोने वाले बीपीटी छात्र डॉ. योगेश हदात को प्रत्येक मृत रिश्तेदार के लिए 25-25 लाख रुपए दिए गए, जबकि डीन की सलाह से ‘जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन’ के प्रस्ताव के आधार पर, गंभीर रूप से घायल 14 व्यक्तियों को 3.5-3.5 लाख रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की गई।

इसके अलावा जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रस्ताव के आधार पर, 14 लोग जो गंभीर रूप से घायल थे और जिन्हें पांच या उससे ज्यादा दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहने की जरूरत पड़ी, उनमें से प्रत्येक को 3.5 लाख रुपए की वित्तीय सहायता दी गई।
विज्ञप्ति में बताया गया कि 6 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता का वितरण 17 जून को डॉ शमशीर द्वारा लिए गए वादे की पूर्ति थी। पीड़ितों के परिवार के सदस्यों को लिखे एक पत्र में, डॉ. शमशीर ने बताया कि कैसे इस त्रासदी ने उन्हें बहुत व्यक्तिगत रूप से प्रभावित किया, जिससे उन्हें मेडिकल हॉस्टल में बिताए अपने वर्षों की याद आ गई। बीजे मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ मीनाक्षी पारिख ने कहा कि वे अभी भी इस अकल्पनीय त्रासदी से उबर नहीं पाई हैं, और एकजुटता व सहानुभूते के लिए ऐसे काम बहुत मायने रखते हैं।
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