अहमदाबाद में क्यों क्रैश हुआ एयर इंडिया का विमान, अब चलेगा पता; मिल गया ब्लैक बॉक्स
Air India Plane Crash: अहमदाबाद में दुर्घटनास्थल से एयर इंडिया विमान का एक ब्लैक बॉक्स बरामद किया गया है। हालांकि न्यूज एजेंसियों की ओर से इस बारे में अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं।
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। एएआईबी कहा कि एअर इंडिया के दुर्घटनाग्रस्त बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान का ब्लैक बॉक्स बीजे मेडिकल कॉलेज के आवासीय परिसर में एक इमारत की छत से बरामद किया गया। बता दें कि ब्लैक बॉक्स एक छोटा उपकरण होता है जो उड़ान के दौरान विमान की गतिविधियों के बारे में जानकारी रिकॉर्ड करता है। यह विमानन दुर्घटनाओं की जांच में मदद करता है।
विमान हादसे के बारे में कॉमर्शियल पायलट अरिंदम दत्ता कहते हैं कि हादसे की वजह के बारे में सटीक जानकारी विमान के पिछले हिस्से में मौजूद ब्लैक बॉक्स के बरामद होने और उसकी जांच के बाद ही पता चल पाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि उड़ान भरने के 30 सेकंड बाद पायलट के मेडे कॉल से पता चलता है कि वह विमान पर काबू पाने की भरसक कोशिश कर रहा था। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए अरिंदम दत्ता ने कहा कि इस पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी। जब तक ब्लैक बॉक्स बरामद नहीं हो जाता और उसकी जांच नहीं हो जाती तब तक हादसे की सटीक वजह के बारे में कुछ भी कहा नहीं जा सकता है।
अरिंदम दत्ता ने आगे कहा- हमें पता चला कि टेकऑफ के बाद जब लैंडिंग गियर अभी नीचे ही था विमान 30 से 40 सेकंड के भीतर हादसे का शिकार हो गया। ड्रीमलाइनर नेक्स्ट जेनरेशन का बहुत सुरक्षित विमान है। बोइंग और एयरबस बड़ी और नामी कंपनियां हैं। दोनों लगातार इंजन और विमानों के विकास पर काम कर रही हैं।
उन्होंने आगे कहा- सुरक्षा ऑडिट से हमें उचित कारण पता चलेगा। हादसे के दो से तीन कारण हो सकते हैं- यांत्रिक, मानवीय भूल या मौसम। टेक ऑफ और लैंडिंग के दौरान उक्त स्थितियां बहुत महत्वपूर्ण होती हैं। उन 30 सेकंड में कैप्टन ने मेडे कॉल किया इसलिए कॉकपिट में कुछ चल रहा था। इतने कम समय में पायलट ने मेडे कॉल किया जो गौर करने वाली बात है। इसका मतलब है कि पायलट स्थितियों से जूझ रहा था।
वहीं एविएशन एक्सपर्ट सारोस दमानिया ने कहा कि टेक ऑफ के तुरंत बाद पायलट का कॉल करना महत्वपूर्ण है। पीटीआई से बात करते हुए दमानिया ने कहा कि अनुमान के आधार पर हादसे की वजहों को नहीं बताया जा सकता है। बना किसी ठोस रिपोर्ट के कुछ भी कहना ठीक नहीं होगा। ब्लैक बॉक्स की जांच पड़ताल से ही तस्वीर साफ हो सकती है। ब्लैक बॉक्स के डेटा से ही पता चलेगा कि असल में विमान के साथ हुआ क्या था।
वहीं एविएशन कार्गो फेडरेशन ऑफ एविएशन इंडस्ट्री इन इंडिया (FAII) की चेयरपर्सन डॉ. वंदना सिंह ने कहा- कई थ्योरी चल रही हैं, जिसमें पक्षी के टकराने से लेकर इलेक्ट्रिकल फेलियर, मैकेनिकल फेलियर या सॉफ्टवेयर की खराबी के कारण पूरी सिस्टम फेलियर तक शामिल हैं। मेरा मानना है कि यह पूरी तरह से इलेक्ट्रिकल और सॉफ्टवेयर की विफलता थी, जिसके कारण दोनों इंजनों ने अपनी शक्ति खो दी। नतीजतन, विमान ऊपर जाने के लिए पर्याप्त थ्रस्ट उत्पन्न नहीं कर सका... लेकिन अब जब ब्लैक बॉक्स बरामद हो गया है और वॉयस डेटा रिकॉर्डर उपलब्ध है, तो जल्द ही उन महत्वपूर्ण 59 सेकंड के दौरान क्या हुआ इसका जवाब मिल जाएगा।
(पीटीआई, एएफपी, रॉयटर और एएनआई के इनपुट पर आधारित)
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