Hindi Newsगुजरात न्यूज़Ahmedabad Air India crash all bodies identified except one victim DNA match

अहमदाबाद हादसे में एक शव की पहचान नहीं, बाकी सभी के DNA हुए मैच; आखिर कौन है ये?

अहमदाबाद प्लेन क्रैश साइट पर अभी भी रेस्क्यू जारी है। अब तक 260 लोगों की पुष्टि हो चुकी है। एक पीड़ित को छोड़कर अन्य सभी शवों की पहचान हो चुकी है।

Anubhav Shakya लाइव हिन्दुस्तान, अहमदाबादWed, 25 June 2025 05:42 AM
share Share
Follow Us on
अहमदाबाद हादसे में एक शव की पहचान नहीं, बाकी सभी के DNA हुए मैच; आखिर कौन है ये?

अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया फ्लाइट क्रैश ने सबको हिलाकर रख दिया। गुजरात स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को बताया कि हादसे में मिले लगभग सभी शवों की पहचान डीएनए या चेहरे के आधार पर हो चुकी है, बस एक केस बाकी है। अभी तक 260 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जिसमें 241 यात्री और 19 गैर-यात्री शामिल हैं। एक बड़े अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में कोई नया शव नहीं मिला।

एक डीएनए सैंपल ने उलझाया

अहमदाबाद सिविल अस्पताल के डॉ. राकेश जोशी ने बताया कि एक डीएनए सैंपल, जो शायद किसी यात्री का है, अभी तक पक्के तौर पर मिलान नहीं हुआ। एक अधिकारी ने कहा कि सैंपल टूटा-फूटा है, इसलिए रिश्तेदारों के सैंपल से मिलान में दिक्कत हो रही है। उन्होंने कहा कि हमें दोबारा सैंपल लेना होगा। डॉ. जोशी ने बताया कि 253 लोगों की पहचान डीएनए से हुई, जबकि 6 की चेहरे से।

मेहानगर में मचा हाहाकार

लंदन जा रहा एयर इंडिया का ड्रीमलाइनर विमान 12 जून को सरदार वल्लभभाई पटेल हवाई अड्डे से उड़ान भरते ही मेहानगर में क्रैश हो गया। विमान में सवार 242 में से 241 लोग मारे गए। 40 साल का विश्‍वास कुमार रमेश, जो ब्रिटिश-भारतीय है, अकेला जिंदा बचा। हादसे ने पास के मेडिकल कॉलेज के रिहायशी इलाके को भी तबाह कर दिया, जहां कई लोग मारे गए। डॉ जोशी ने बताया कि क्रैश साइट को अभी साफ किया जा रहा है। जब तक पक्का न हो कि और कोई शव नहीं मिलेगा, हम अंतिम संख्या नहीं बता सकते।

भारत का सबसे बड़ा डीएनए मिलान

स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारी धनंजय द्विवेदी ने बताया कि 250 से ज्यादा रिश्तेदारों ने डीएनए सैंपल दिए। अहमदाबाद की फोरेंसिक लैब में सैंपल लिए गए और गांधीनगर की FSL व नेशनल फोरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी में मिलान हुआ। उन्होंने कहा, 'कई बार एक रिश्तेदार का सैंपल कई लोगों की पहचान के लिए काफी था, तो कहीं कई सैंपल लेने पड़े। NFSU के डॉ. भार्गव पटेल ने इसे भारत का सबसे बड़ा डीएनए मिलान अभियान बताया।

नया सॉफ्टवेयर बना गेम-चेंजर

NFSU के डॉ. विशाल मेवाड़ा ने एक खास सॉफ्टवेयर बनाया, जिसने डीएनए मिलान को बहुत तेज कर दिया। उन्होंने बताया कि पहले एक मिलान में 5-7 मिनट लगते थे, लेकिन अब 500 सैंपल 5 मिनट में मिलान हो जाते हैं। इसकी वजह से महीनों का काम दो हफ्तों में पूरा हुआ।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें