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The Traitors: क्या टॉप 3 में पहुंच गए सुधांशु पांडे? नई पीढ़ी के गालियां देने पर दिया यह जवाब

The Traitors: सुधांशु पांडे ने टॉप 3 में पहुंचने पर दिया जवाब। शो में नई पीढ़ी के बच्चों के बदतमीजी से बात करने को लेकर भी दिया जवाब।

Puneet Parashar लाइव हिन्दुस्तानWed, 25 June 2025 09:04 PM
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The Traitors: क्या टॉप 3 में पहुंच गए सुधांशु पांडे? नई पीढ़ी के गालियां देने पर दिया यह जवाब

The Traitors: करण जौहर होस्टेड रियलिटी शो 'द ट्रेटर्स' में बतौर कंटेस्टेंट शामिल हुए टीवी एक्टर सुधांशु पांडे काफी अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं। चर्चा है कि वह टॉप 3 तक पहुंचने में कामयाब रहे हैं। लेकिन क्या वाकई ऐसा है? सुधांशु पांडे ने एक इंटरव्यू में इस सवाल का जवाब दिया और साथ ही साथ शो में अपूर्व मखीजा की बोली और लहजे पर भी बात की। अनुपमा सीरियल में लंबे वक्त तक वनराज शाह का किरदार निभा चुके सुधांशु पांडे ने GenZ के बातचीत के तरीके और बात-बात पर गाली देने के तरीके पर सवाल उठाए और कहा कि वह नहीं समझ पाते हैं कि आखिर कैसे नई पीढ़ी को गालियां देना कूल लग सकता है।

क्या वाकई टॉप 3 में पहुंच गए हैं सुधांशु

करण जौहर के शो 'द ट्रेटर्स' में क्या सुधांशु पांडे वाकई टॉप 3 में पहुंचने में कामयाब रहे? इस सवाल के जवाब में अनुपमा फेम एक्टर ने कहा, "मैं बस इतना कहूंगा कि ये सब अफवाहें हैं और इन्हें तवज्जो नहीं देनी चाहिए। सबसे पहली बात तो यह कि ये बातें शो का मजा खराब कर देंगी। आप गेम शो देख रहे हैं, तो अगर हम पहले ही बता दें कि कौन था, कौन नहीं था, या ये गलत है या ये सही है, तो सारा मजा खराब हो जाएगा। इसलिए हमें ये सब लोगों को बताना चाहिए और उन्हें शो में देखना चाहिए।"

अपूर्व मखीजा की बदतमीजी पर बोले

सुधांशु पांडे ने कहा कि लोगों को शो देखने पर आगे पता चलेगा कि कौन जीता, कौन हारा, कौन फाइनलिस्ट था और कौन नहीं। सुधांशु से जब पूछा गया कि शो में हर एज ग्रुप के लोग हैं और अपूर्व मखीजा बदतमीजी से बात करती रहती हैं। इस बारे में बात करते हुए सुधांशु ने कहा, "मैं बच्चों या यूथ को उनके इस बर्ताव के लिए दोषी नहीं मानता। मैं नहीं कह रहा कि 'द रेबेल किड' अपूर्वा मखीजा बुरी बच्ची हैं। मैं जानता हूं कि वो नेकदिल इंसान हैं। दुर्भाग्य से होता यह है कि जब आपकी भाषा सही नहीं होती है तो बाकी चीजें मायने नहीं रखतीं।"

बड़ों को नाम से बुलाते हैं आज के बच्चे

सुधांशु पांडे ने कहा, "मुझे नहीं पता बच्चे कैसे सोचते हैं कि गाली देना या किसी के साथ दुर्व्यवहार करना अच्छी बात है। पहले तो आप लोगों को उनके नाम से बुलाते हैं, भले ही वो आपसे 30 साल बड़े हों। वो कुछ कहते हैं, बयान देते हैं, और फिर विवाद होता है। वो इसका मजा ले रहे हैं, लेकिन जब यह सब बहुत बढ़ जाता है, तो फिर वो रोने लगते हैं, और फिर वे कहते हैं, 'मैं ऐसा नहीं हूं'। लोग मेरे साथ ऐसा व्यवहार क्यों कर रहे हैं? मुझे घर क्यों नहीं मिल रहा है? उनकी ऊर्जा को सही दिशा में चैनलाइज करने की आवश्यकता है।"

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