सचिन तेंदुलकर का खुलासा- जब Ind vs Eng टेस्ट सीरीज का नाम बदला गया तो सबसे पहले मेरा फोन...
जब भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज का नाम बदलकर तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी रखा गया, तो भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने सबसे पहले पटौदी परिवार को फोन किया और इसके बारे में बताया। अब जीतने वाले कप्तान को पटौदी पदक मिलेगा।

इंग्लैंड में भारतीय टीम जो टेस्ट सीरीज खेलती थी, उसका नाम पिछली करीब दो दशक से पटौदी ट्रॉफी था, लेकिन अब इसका नाम बदल दिया गया है। बीसीसीआई और ईसीबी ने मिलकर इस सीरीज को तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी किया है। जब नाम बदलने की बात आई तो सबसे पहले सचिन तेंदुलकर ने जिनको फोन किया था, वह किसी और को नहीं, बल्कि पटौदी परिवार को किया था। मंसूर अली खान पटौदी ने भारत की टीम की कप्तानी की थी, जबकि उनके पिता इफ्तिखार अली पटौदी ना सिर्फ भारत के कप्तान थे, बल्कि इंग्लैंड के लिए भी खेले थे।
सचिन तेंदुलकर इस सीरीज के साथ पटौदी संबंध को बरकरार रखना चाहते थे और उन्होंने भारत और इंग्लैंड के क्रिकेट बोर्डों को पटौदी के नाम पर विजेता कप्तान को एक ट्रॉफी देने के लिए राजी कर लिया। इसे पटौदी मेडल ऑफ एक्सीलेंस कहा जाएगा। जो कप्तान ट्रॉफी जीतेगा, उसे यह मेडल मिलेगा। द इंडियन एक्सप्रेस को तेंदुलकर ने बताया, "मैंने सबसे पहले पटौदी परिवार को फोन करके उन्हें इस बारे में बताया। हमने इस बारे में बात की कि कैसे पटौदी विरासत को (भारत-इंग्लैंड सीरीज के साथ) जीवित रखा जाए। मैंने कहा कि मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश करूंगा।"
तेंदुलकर सिर्फ परिवार के इमोशन्स को शांत नहीं करना चाहते थे, बल्कि पटौदी कनेक्शन को बनाए रखने के लिए अपनी तरफ से हर संभव प्रयास करना चाहते थे। इसके बाद उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी ICC के चेयरमैन जय शाह को फोन किया और फिर इंग्लैंड और भारतीय क्रिकेट बोर्ड के लोगों से भी बात की। सचिन ने बताया, "मैंने जय शाह, बीसीसीआई और ईसीबी से बात की और अपने विचार उनके साथ साझा किए और कुछ विकल्प भी बताए। उनके साथ कुछ फोन कॉल के बाद, मुझे लगा कि वे इस विचार से सहमत हैं और विनम्रतापूर्वक पटौदी कनेक्शन को बनाए रखने के लिए तैयार हैं। यह पूरी विचार प्रक्रिया का समर्थन करने के लिए था, जिसके परिणामस्वरूप तय हुआ कि सीरीज जीतने वाले कप्तान के लिए पटौदी पदक मिलेगा।"
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने कप्तानी के लिए पटौदी के नाम को चुनने के पीछे के कारण को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया, "मुझे लगता है कि महान व्यक्ति (मंसूर अली खान) अपनी नेतृत्व क्षमता के लिए जाने जाते थे और वह एक अच्छे खिलाड़ी थे। विजेता कप्तान को पटौदी पदक मिलना उचित होगा। इसलिए अब, नई ट्रॉफी के साथ, जिसका नाम एंडरसन और मेरे नाम पर रखा जाएगा, हमारे पास यह पटौदी मेडल ऑफ एक्सीलेंस भी है - और यह वाकई अच्छा लगता है। इसलिए, अंतिम परिणाम अच्छा है।"