Hindi Newsछत्तीसगढ़ न्यूज़Amit Shah Vows Relentless Anti-Naxal Ops in Monsoon Targets Maoist-Free India by 2026

मॉनसून में भी नहीं रुकेगा नक्सल विरोधी अभियान, अमित शाह ने बताया क्या है सरकार का लक्ष्य

अमित शाह ने मॉनसून में भी नक्सल विरोधी अभियान जारी रखने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि 31 मार्च 2026 तक माओवाद खत्म करने का लक्ष्य है और इसे पूरा करेंगे।

Anubhav Shakya लाइव हिन्दुस्तान, रायपुरMon, 23 June 2025 05:28 AM
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मॉनसून में भी नहीं रुकेगा नक्सल विरोधी अभियान, अमित शाह ने बताया क्या है सरकार का लक्ष्य

रायपुर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने माओवादियों को कड़ा संदेश देते हुए ऐलान किया कि इस बार मॉनसून में भी नक्सल विरोधी अभियान रुकने वाला नहीं है। 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ने का लक्ष्य रखते हुए शाह ने साफ कहा कि माओवादियों से कोई बातचीत नहीं होगी। इसके साथ ही उन्होंने नवा रायपुर अटल नगर में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) और सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैब (CFSL) की आधारशिला रखी, जो देश की न्याय व्यवस्था को और मजबूत करेगी।

‘मॉनसून में भी माओवादियों पर प्रहार’

अमित शाह ने रविवार को रायपुर में कहा, 'इस बार मॉनसून में माओवादियों को आराम नहीं मिलेगा। हम 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने के अपने लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं।' उन्होंने बताया कि पिछले साल जनवरी से अब तक छत्तीसगढ़ में 400 से ज्यादा माओवादी मारे गए हैं, जिनमें CPI (माओवादी) के महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू भी शामिल हैं, जिन्हें मई में बस्तर में ढेर किया गया।

शाह ने माओवादियों से हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की। उन्होंने कहा, 'बातचीत की कोई जरूरत नहीं। हथियार छोड़ें और विकास के रास्ते पर आएं। आत्मसमर्पण करने वालों को केंद्र और राज्य सरकार हर संभव मदद देगी।

नई कानूनी व्यवस्था का आगाज

शाह ने भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार पर जोर देते हुए तीन नए कानूनों भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के महत्व पर जोर देते हुए कहा, 'अब देश के किसी भी कोने में दर्ज FIR का न्याय तीन साल के भीतर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचेगा। भावनाओं और कल्पनाओं पर आधारित न्याय का दौर खत्म हुआ। अब साक्ष्य-आधारित न्याय का युग है। उन्होंने बताया कि सात साल से अधिक की सजा वाले अपराधों में अब फॉरेंसिक टीमें अनिवार्य रूप से शामिल होंगी, जिससे जांच और सजा की प्रक्रिया और पारदर्शी होगी।

फॉरेंसिक क्रांति की नींव

नवा रायपुर में 145 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला NFSU कैंपस और 123 करोड़ रुपये का CFSL तीन साल में तैयार हो जाएगा। शाह ने कहा कि वैश्विक फॉरेंसिक तकनीक बाजार 2036 तक 20 अरब डॉलर से बढ़कर 55 अरब डॉलर तक पहुंचेगा, जिसमें भारत की हिस्सेदारी 9% हो सकती है। उन्होंने कहा।, 'हर साल 32,000 फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स तैयार होंगे, जिससे भारत इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा।'

छत्तीसगढ़ में फिलहाल अंबिकापुर, बिलासपुर, दुर्ग और जगदलपुर में चार क्षेत्रीय फॉरेंसिक लैब हैं। नवा रायपुर में सेंट्रल लैब बनने से नमूने दिल्ली भेजने की जरूरत खत्म हो जाएगी।

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