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115 दिन में पतियों ने की 30 पत्नियों की हत्या, डरा रहे छत्तीसगढ़ के ये चौंकाने वाले आंकड़े

देशभर में चर्चित इंदौर के राजा रघुवंशी हत्याकांड के बीच छत्तीसगढ़ से एक बेहद चौंकाने वाली भयावह खबर सामने आई है। यहां पिछले 115 दिनों में 30 महिलाओं की उनके पतियों द्वारा हत्या कर दी गई।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, भोपालTue, 24 June 2025 10:58 AM
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115 दिन में पतियों ने की 30 पत्नियों की हत्या, डरा रहे छत्तीसगढ़ के ये चौंकाने वाले आंकड़े

देशभर में चर्चित इंदौर के राजा रघुवंशी हत्याकांड के बीच छत्तीसगढ़ से एक बेहद चौंकाने वाली भयावह खबर सामने आई है। यहां पिछले 115 दिनों में 30 महिलाओं की उनके पतियों द्वारा हत्या कर दी गई। अगर औसत के हिसाब से देखें तो करीब हर चार दिन में एक महिला हत्या की गई है।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, आंकड़े बताते हैं कि छत्तीसगढ़ में पत्नियों की हत्या के 30 मामलों में से 10 से ज्यादा हत्याएं चरित्र पर शक या ईर्ष्या के कारण, 6 नशे की हालत में और दो सेक्स से इनकार करने के कारण हुई हैं। बाकी हत्या घरेलू हिंसा, दहेज विवाद या वैवाहिक तनाव के कारण हुई हैं।

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धमतरी में एक युवा जोड़े की शादी को सिर्फ तीन महीने हुए थे। 7 जून को पति ने अपनी पत्नी के साथ प्यार का इजहार करते हुए एक फोटो पोस्ट की। तीन दिन बाद उसने दरांती से उसका गला रेत दिया। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मणिशंकर चंद्रा ने बताया कि आरोपी पति धनेश्वर पटेल ने अपनी पत्नी के चरित्र पर शक के चलते उसकी हत्या करने की बात कबूल की है।

इससे पहले 22 मार्च को बालोद में एक महिला टीचर की हत्या कर उसे सड़क दुर्घटना का रूप देने की कोशिश की गई थी। पुलिस की गहन जांच से पता चला कि महिला के पति शीशपाल और उसके दोस्त ने उसकी हत्या करने के बाद इसे हादसे की शक्ल देने का नाटक किया था। एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी योगेश पटेल ने कहा कि आरोपी के परिचित कयामुद्दीन ने पूछताछ के दौरान कबूल किया कि हत्या की योजना पहले से बनाई गई थी।

लिंग के आधार पर अपराध की गंभीरता नहीं बदलनी चाहिए : डीएन शर्मा

समाजशास्त्री प्रोफेसर डीएन शर्मा ने सोशल मीडिया में फैलाई जा रही लिंग संबंधी गलत धारणा की आलोचना की। शर्मा ने कहा कि यह चुनिंदा आक्रोश पितृसत्ता में निहित है। पुरुषों ने हजारों हत्याएं की हैं, लेकिन अगर कोई महिला ऐसा करती है, तो पूरी महिला समाज को कलंकित किया जाता है। हत्या तो हत्या है - लिंग के आधार पर गंभीरता नहीं बदलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ सनसनीखेज मामलों के आधार पर महिलाओं को ठप्पा लगाना हमारी गहरी पुरुष-प्रधान मानसिकता को दर्शाता है। पत्नियों को ट्रोल करना न केवल गलत है - यह खतरनाक भी है।

शक, क्रोध और दबाव के बोझ तले दबे रिश्तों के बीच विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि समाज हिंसा को रोकने के बजाय उसे सामान्य बना रहा है। विशेषज्ञों ने कहा कि छत्तीसगढ़ के आंकड़े मजाक की नहीं बल्कि बातचीत, समर्थन और सुरक्षा की जरूरत को दर्शाते हैं।

बता दें कि, मध्य प्रदेश के इंदौर के कारोबारी राजा रघुवंशी की हनीमून के दौरान हत्या के आरोप में उनकी नवविवाहिता पत्नी सोनम रघुवंशी की गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर ऐसी पत्नियों के मीम्स और मजाक की बाढ़ आ गई है। सोनम की अपने पति की हत्या के आरोप में गिरफ्तारी से जुड़े सनसनीखेज मामले ने ऑनलाइन सनसनी फैला दी है। ऐसी पत्नियों को हत्यारी, भरोसा तोड़ने वाली और अपराधी करार दिया जा रहा है।

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