दुनिया भर में बजते युद्ध के बिगुलों के बीच, भारत मंडपम में गूंजा सनातन ध्यान संदेश
भारत मंडपम में आयोजित इस कार्यक्रम में सनातन ध्यान के शाश्वत विज्ञान को प्रयोग, मानव मॉड्यूल और गहरी एवं रोचक गतिविधियों के माध्यम से प्रस्तुत किया। संगठन की तरफ से किए गए इस कार्यक्रम में कई सीईओस, कॉर्पोरेट्स लीडर्स, कई प्रतिष्ठित संस्थानों के अधिकारीगण, तिहाड के अधिकारी भी शामिल हुए।

समाज में फैली अशांति और उथल-पुथल के बीच और दुनियाभर में बजते युद्धों के बिगुलों के बीच, दिव्य ज्योति जागृति संस्थान ने अपने कार्पोरेट वर्कशॉप विंग के अंतर्गत भारत मंडपम में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया। इस आयोजन से पहले, अप्रैल 2025 में पीस, डीजेजेएस द्वारा एक सर्वे किया गया, जिसका उद्देश्य कॉर्पोरेट्स और युवाओं में तनाव के स्तर को जांचना था। इस सर्वे में 300 प्रतिभागियों को तीन समान ग्रुप्स में बाँटकर तनाव प्रतिशत, मूड की स्थिति और निर्णय क्षमता का परीक्षण किया गया। इसके परिणामों के आधार पर संस्थान के प्रतिनिधियों ने ध्यान पर एक विशेष आयोजन करने का निश्चय किया।
भारत मंडपम में आयोजित इस कार्यक्रम में सनातन ध्यान के शाश्वत विज्ञान को प्रयोग, मानव मॉड्यूल और गहरी एवं रोचक गतिविधियों के माध्यम से प्रस्तुत किया। संगठन की तरफ से किए गए इस कार्यक्रम में कई सीईओस, कॉर्पोरेट्स लीडर्स, कई प्रतिष्ठित संस्थानों के अधिकारीगण, तिहाड के अधिकारी भी शामिल हुए।
इस पूरे सत्र के दौरान कई ऐसे खास कार्यक्रम हुए जिन्होंने लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा।
“कपि-चित्त से कपीश – टेमिंग द मंकी माइंड”
साध्वी डॉ. निधि भारती जी द्वारा प्रस्तुत इस सत्र में बताया गया कि कैसे हमारा चंचल मन निरंतर विचारों, विकारों और भावनात्मक अस्थिरता का कारण बनता है। साध्वी जी ने बेहद मार्मिक ऐक्टिविटीज़ के माध्यम से समझाया कि किस प्रकार ब्रह्मज्ञान ध्यान मानसिक स्पष्टता, भावनात्मक संतुलन और निर्णय क्षमता को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
सत्र 2: “लहरा दो – लिविंग टाइमलेस भारतीय वैल्यूज़”
साध्वी मणिमाला भारती जी द्वारा प्रस्तुत इस संगीतमय सत्र में दर्शाया गया कि कैसे भारत के सनातन धर्म में निहित शाश्वत मूल्य प्रणाली को ब्रह्म ज्ञान ध्यान के माध्यम से आत्मसात किया जा सकता है। इसमें पृथ्वीराज चौहान, भगत सिंह और रानी पद्मावती जैसे राष्ट्रीय आदर्शों से प्रेरणा लेकर आज के व्यक्तियों में उन मूल्यों को पुनः जाग्रत करने का बहुत सुंदर प्रयास किया गया।
सत्र 3: “हर एक पल सुहाना होता है – अनलॉकिंग इनर ब्लिस @ आत्मन्”
साध्वी तपेश्वरी भारती जी ने इस सत्र में सनातन ब्रह्मज्ञान ध्यान के अभ्यास से मिलने वाली आंतरिक शांति और आनंद के विषय में गहराई से बताया। इसमें लाइव वैज्ञानिक प्रयोगों और मानव मॉडल्स के माध्यम से ब्रह्मज्ञान ध्यान के पहलुओं को समझाया गया, जैसे- अन्तर्जगत की दिव्य अनुभूतियाँ, तृतीय नेत्र (दिव्य चक्षु) का जागरण, और उच्च चेतना का विकास।
विशेष माइम एक्ट: “सोच में गड़बड़ी से मेंटल मास्टरी”
Peace, DJJS की इन-हाउस टीम द्वारा एक हास्यपूर्ण और प्रेरक माइम प्रस्तुति की गई, जिसमें आधुनिक प्रोफेशनल्स की मानसिक अव्यवस्था को प्रतिबिंबित किया गया और ब्रह्मज्ञान ध्यान के विज्ञान को एक अचूक परिवर्तनकारी समाधान के रूप में दर्शाया गया।
समापन सत्र: “हैप्पीनेस डांस जैम”
कार्यक्रम के अंतिम क्षणों में PEACE, DJJS की युवा डांस टीम द्वारा एक जोशीला “हैप्पीनेस डांस” प्रस्तुत किया गया, जो बॉलीवुड बीट्स और भक्ति धुनों का अनुपम संगम था। इस सत्र ने भारत मंडपम के भव्य ऑडिटोरियम को एक आध्यात्मिक उत्सव के डांस फ्लोर में बदल दिया!
वर्तमान समय में यह कार्यक्रम बेहद प्रासंगिक सिद्ध हुआ, जिसने व्यक्तिगत तथा वैश्विक शांति की दिशा में एक अहम भूमिका निभाई।
भारत मंडपम की कलात्मक भव्यता और रमणीय वातावरण में यह कार्यक्रम एक साधारण वर्कशॉप नहीं, बल्कि एक स्पिरिचुअल रिट्रीट, आध्यात्मिक उत्सव और जीवन की आपाधापी से एक ताज़गीभरा अवकाश सिद्ध हुआ!
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