UPSC ने अध्यादेश को लेकर पूछ लिया ये प्रश्न, क्या आप जानते हैं इसका उत्तर
यूपीएससी ने प्री 2025 की परीक्षा में अनुच्छेद 123 यानी अध्यादेश से जुड़ा एक सवाल पूछा था। क्या आप इसका उत्तर जानते हैं?

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की प्रारंभिक परीक्षा 2025 में संविधान के अनुच्छेद 123 से जुड़ा एक पेचीदा सवाल पूछा गया, जिसमें उम्मीदवारों से अध्यादेश की शक्ति, उसकी सीमाएं और उसके प्रभाव को लेकर तीन कथनों पर राय मांगी गई। आइए जानते हैं कौन सा वह प्रश्न है और इसका उत्तर क्या है?
UPSC प्रीलिम्स 2025 में भारतीय संविधान की कार्यप्रणाली पर आधारित एक अहम सवाल पूछा गया जिसने उम्मीदवारों की समझ को गहराई से परखा। सवाल अध्यादेश (Ordinance) से जुड़ा था, जो कि अनुच्छेद 123 के तहत राष्ट्रपति को संसद के सत्र न होने की स्थिति में कानून बनाने की शक्ति देता है। सवाल था-
भारतीय राजनीति के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
I. अध्यादेश किसी भी केंद्रीय कानून में संशोधन कर सकता है।
II. अध्यादेश मूल अधिकारों को सीमित कर सकता है।
III. अध्यादेश पिछली तिथि से प्रभाव में आ सकता है।
क्या है इसका उत्तर
इसका सही उत्तर था- I और III दोनों। आइए इस सवाल का उत्तर और उसकी व्याख्या को समझते हैं। पहला कथन सही है क्योंकि अनुच्छेद 123 के तहत राष्ट्रपति द्वारा जारी किया गया अध्यादेश संसद के बनाए गए कानून की तरह ही प्रभावी होता है। इसका मतलब है कि यह किसी भी मौजूदा केंद्रीय कानून को संशोधित या समाप्त कर सकता है।
दूसरा कथन गलत है क्योंकि अध्यादेश एक पूर्ण कानून की तरह प्रभावी होता है, फिर भी यह संविधान के तहत मूल अधिकारों को सीमित या समाप्त नहीं कर सकता। संसद भी ऐसा तभी कर सकती है जब वह संविधान संशोधन करे, और अध्यादेश के जरिए ऐसा नहीं हो सकता।
बात करें तीसरे कथन की तो यह भी सही है। क्योंकि चूंकि अध्यादेश को संसद के अधिनियम जैसा दर्जा प्राप्त है, इसलिए यह पिछली तिथि (रेट्रोस्पेटिव इफेक्ट) से भी लागू किया जा सकता है, ठीक उसी तरह जैसे संसद कोई कानून पीछे की तारीख से लागू करती है।