NEET UG : मेंटली डिस्टर्ब हुआ; नीट में 98.86 पर्सेंटाइल पाने वाले छात्र ने मांगे ग्रेस मार्क्स, पहुंचा कोर्ट
नीट यूजी के एक छात्र ने आरोप लगाया है कि एनटीए के खराब बायोमेट्रिक सिस्टम की वजह से उसे एग्जाम के दौरान काफी मेंटल डिस्टर्बेंस हुई। इसके लिए उसे मुआवजे के तौर पर ग्रेस मार्क्स मिलने चाहिए। ग्रेस मार्क्स सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक मिलने चाहिए।

दिल्ली हाईकोर्ट ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी 2025 में शामिल हुए एक छात्र की उस याचिका पर एनटीए से जवाब मांगा है जिसमें उसने ग्रेस मार्क्स की मांग की है। अभ्यर्थी ने याचिका में कहा है कि एनटीए के खराब बायोमेट्रिक सिस्टम की वजह से वह एग्जाम के दौरान मानसिक रूप से काफी परेशान हुआ और इसके मुआवजे के तौर पर उसे ग्रेस मार्क्स मिलने चाहिए। छात्र ने याचिका में मुआवजे के तौर पर मार्क्स दिये जाने का अनुरोध किया है। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह ने 20 जून को अभ्यर्थी की याचिका पर एग्जाम कराने वाले नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को नोटिस जारी किया।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि नीट परीक्षा से पहले ऑथेंटिकेशन प्रक्रिया के दौरान परीक्षा केंद्र पर बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन सिस्टम काम नहीं कर रही था, जिसके बाद उसे परीक्षा हॉल में एंट्री की अनुमति के लिए एक एप्लीकेशन फॉर्म जमा करने पर मजबूर किया गया। न्यायालय ने परीक्षा केंद्र पर सीसीटीवी रिकॉर्डिंग, लॉग बुक एंट्रीज और सभी अन्य रजिस्टर को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है।
परीक्षा शुरू होने से 5 मिनट पहले मिली एंट्री
अभ्यर्थी ने चार मई को उत्तर प्रदेश के मेरठ में त्रिशला देवी कनोहर लाल बालिका इंटर कॉलेज में नीट स्नातक 2025 की परीक्षा दी थी। याचिकाकर्ता ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा में ग्रेस मार्क्स और संबंधित परीक्षा केंद्र से सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने सहित राहत देने का अनुरोध किया था। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उसे परीक्षा शुरू होने से केवल पांच मिनट पहले ही प्रवेश की अनुमति दी गई थी।
आए हैं 98.86 पर्सेंटाइल अंक
याचिका में आरोप लगाया गया कि परीक्षा शुरू हो चुकी थी और उसे बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के लिए बाहर जाने को कहा गया और केंद्र अधीक्षक को अंग्रेजी व हिंदी दोनों में प्रवेश की अनुमति देने के लिए आवेदन देने को कहा गया, जिससे परीक्षा देते समय उसे काफी मानसिक परेशानी हुई। उम्मीदवार ने परीक्षा में 98.86 पर्सेंटाइल अंक प्राप्त किए हैं।
एग्जाम के दौरान की सीसीटीवी फुटेज सेफ रखी जाएं
अदालत के आदेश के मुताबिक, 'एनटीए को बायोमेट्रिक सत्यापन से संबंधित आरोपों के संबंध में विशेष रूप से जवाबी हलफनामा दायर कर रिट याचिका में दी गयी दलीलों का खंडन करना होगा। इसके अलावा, परीक्षा केंद्र पर सीसीटीवी रिकॉर्डिंग, लॉग बुक एंट्रीज और अन्य रजिस्टर भी इस अदालत के अगले आदेशों के अधीन संरक्षित किए जाएं।'
अगली सुनवाई 27 जून को
याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि ग्रेस मार्क्स की गणना सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार भी की जा सकती है, जिसके बाद उच्च न्यायालय ने कहा कि बायोमेट्रिक सत्यापन पर एनटीए के रुख की जांच करने के बाद अगली सुनवाई में इस मामले पर विचार किया जाएगा। वकील ने अदालत को बताया कि काउंसलिंग संभवतः एक जुलाई से शुरू होगी, जिसके बाद मामले की सुनवाई 27 जून को निर्धारित कर दी गयी।