UPSC Success Story: 10वीं और 12वीं में हुई थीं फेल, फिर कैसे पहले प्रयास में क्रैक किया यूपीएससी
IAS Success Story: ऐसे बहुत कम ही धुरंधर होते हैं जो यूपीएससी परीक्षा अपने पहले ही प्रयास में पास कर लेते हैं। जो कभी 10वीं और 12वीं की परीक्षा में फेल हो गई थीं। लेकिन उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी पास कर लिया।

IAS Anju Sharma Success Story: यूपीएससी परीक्षा पास करना बहुत ही कठिन है। लेकिन ऐसे बहुत कम ही धुरंधर होते हैं जो यूपीएससी परीक्षा अपने पहले ही प्रयास में पास कर लेते हैं और कामयाबी का परचम लहरा देते हैं। जो कभी 10वीं और 12वीं की परीक्षा में फेल हो गई थीं। लेकिन उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी पास कर लिया था। हम बात कर रहे हैं आईएएस ऑफिसर अंजू शर्मा की।
आईएएस अंजू शर्मा का जन्म राजस्थान के भरतपुर में हुआ था। आईएएस अंजू शर्मा अपनी असफलताओं के बारे में पूछे जाने पर वह केवल एक ही बात कहती हैं कि लोग आपको सफलता के लिए तैयार करते हैं लेकिन कोई आपको असफलता के लिए तैयार नहीं करता है।
अंजू शर्मा बताती है कि उन्हें याद है कि जिस दिन वह 12वीं कक्षा के अर्थशास्त्र के पेपर में फेल हुई थी, उस दिन उसने खुद को कोसा था। हालांकि उसके बाद उन्हें अन्य विषयों में डिस्टिंक्शन मिला। अंजू 10वीं कक्षा की प्री-बोर्ड परीक्षा में केमिस्ट्री में फेल हो गई थी।
हालांकि अब वह अपने जीवन की इन दो घटनाओं को एक वरदान मानती है जिसने उसके भविष्य को आकार दिया। अंजू ने एक वेबसाइट से बात करते हुए कहा, "मेरे पास कवर करने के लिए बहुत सारे चैप्टर थे और यह लगभग रात के खाने के बाद था जब मैं घबराने लगी थी। मैं इतनी तैयार नहीं था कि मुझे पता था कि मैं असफल होने जा रही हूं। मैं फूट-फूट कर रोने लगी। जिस बात ने स्थिति को बदतर बना दिया, जिसके बाद प्री बोर्ड की परीक्षा में मेरे अच्छे मार्क्स नहीं आए। "
IAS अंजू शर्मा के सौभाग्य से उनके माता-पिता बहुत सहयोगी थे। उसकी मां ने उसे सांत्वना दी और प्रेरित किया। इन घटनाओं से अंजू ने एक सबक सीखा कि वह कभी भी अंतिम समय की पढ़ाई पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। जब पढ़ाया जाए उसी वक्त सिलेबस पर ध्यान देना चाहिए। इस रणनीति ने उन्हें अपने कॉलेज में गोल्ड मेडल जीतने में मदद की। उन्होंने जयपुर से ही BSC और MBA पूरा किया।
UPSC सिविल सेवा की पढ़ाई के दौरान अंजू शर्मा ने भी यही रणनीति अपनाई। उन्होंने यूपीएससी को सिर्फ एक परीक्षा के रूप में माना और सफल होने के लिए केवल एक बार प्रयास किया।
अंजू शर्मा ने अपना सिलेबस बहुत पहले ही पूरा कर लिया था और परीक्षा के दिन से पहले वह स्वतंत्र महसूस कर रही थी और घूम रही थी। इसलिए जब नतीजे आए तो लोग उन्हें टॉपर्स की लिस्ट में देखकर हैरान रह गए। बता दें, अंजू ने 1991 में सहायक कलेक्टर, राजकोट के रूप में अपना करियर शुरू किया। उन्होंने डीडीओ बड़ौदा जैसे गांधीनगर, जिला कलेक्टर और उद्योग और वाणिज्य मंत्रालय, भारत सरकार में विभिन्न पदों पर कार्य किया है। उन्हें विशेष सचिव, सचिव,प्रमुख सचिव जैसे पदों पर प्रमोशन मिला और वर्तमान में उनकी अतिरिक्त मुख्य सचिव पद पर पदोन्नति हुई है।