इन मुस्लिम देशों में सस्ती है MBBS की पढ़ाई
उज्बेकिस्तान, कजाखस्तान और ताजिकिस्तान में भारत की तुलना से एमबीबीएस की पढ़ाई सस्ती है। ऐसा देखा गया है कि कई भारतीय छात्र इन कॉलेजों की तरफ रुख करते हैं।

NEET परीक्षा में पास होने के बावजूद अगर आपको भारत की किसी सरकारी मेडिकल कॉलेज में सीट नहीं मिल पाई है, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। अब भारतीय छात्रों के लिए उज्बेकिस्तान, कजाखस्तान और ताजिकिस्तान जैसे भारत से दोस्ताना रवैया अख्तियार करने वाले मुस्लिम देशों में कम खर्च में बेहतरीन मेडिकल शिक्षा का विकल्प मौजूद है। ये देश न केवल सस्ती एमबीबीएस डिग्री ऑफर करते हैं बल्कि इनकी डिग्रियां WHO और भारत के मेडिकल काउंसिल (MCI/NMC) से मान्यता प्राप्त हैं।
यहां एमबीबीएस या बीडीएस के कोर्स छह साल के होते हैं, जिनमें एक साल की इंटर्नशिप भी शामिल है। कोर्स की पढ़ाई पूरी तरह अंग्रेजी भाषा में होती है, जिससे भाषा की रुकावट नहीं आती। सबसे बड़ी बात यह है कि इन देशों में कोई डोनेशन या कैपिटेशन फीस नहीं ली जाती और एडमिशन प्रक्रिया भी सरल है।
ये हैं कुछ प्रमुख मुस्लिम देश और यूनिवर्सिटीज जहां मिल रहा है MBBS में दाखिला
उज्बेकिस्तान
- बुखारा स्टेट मेडिकल इंस्टिट्यूट
- समरकंद स्टेट मेडिकल इंस्टिट्यूट
- अंदीजन स्टेट मेडिकल इंस्टिट्यूट
- ताशकंद मेडिकल अकादमी
- ताशकंद स्टेट डेंटल इंस्टिट्यूट
- फरगना स्टेट यूनिवर्सिटी
ताजिकिस्तान
- अविसेना ताजिक स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी
- ताजिक स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी
कजाकिस्तान
- कजाख नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी
- सेमेय स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी
- करगांदा मेडिकल यूनिवर्सिटी
- अस्ताना मेडिकल यूनिवर्सिटी
- साउथ कजाखस्तान मेडिकल अकादमी
- अल-फराबी कजाख नेशनल यूनिवर्सिटी
एडमिशन के लिए जरूरी डॉक्युमेंट्स
- कक्षा 9वीं से 12वीं तक की मार्कशीट्स
- NEET स्कोर कार्ड
- पासपोर्ट की कॉपी
- पासपोर्ट साइज फोटो
- मेडिकल टेस्ट रिपोर्ट (प्रत्येक यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर जानकारी दी गई है)
- जन्म प्रमाण पत्र
कितना आता है खर्चा
यहां पूरे कोर्स के लिए कुल खर्च 20 से 35 लाख रुपये के बीच होता है। गौर करने वाली बात है कि रहने और खाने का खर्च भारत की तुलना में कम ही है। भारत से इन देशों के लिए डायरेक्ट फ्लाइट्स उपलब्ध हैं। भारत से दोस्ताना स्थिति के चलते सुरक्षा और माहौल अनुकूल है। यहां की सांस्कृति भी बहुत हद तक भारत से मेल खाती हैं।
एमबीबीएस के बाद भारत लौटने पर क्या करना होगा?
अगर आप इन देशों से एमबीबीएस करने के बाद भारत में प्रैक्टिस करना चाहते हैं, तो आपको एफएमजीई (फॉरेन मेडिकल ग्रजुएट एग्जमा) पास करनी होगी, जिसे एनबीई (नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन) साल में दो बार, जून और दिसंबर में आयोजित करता है। पिछली बार पास प्रतिशत सिर्फ 22% रहा, इसलिए तैयारी पर खास जोर देना होगा।