JOSAA : AIR 100 तक वाले छात्रों को मिलेगा बेहतर IIT, देखें कितनी रैंक पर कहां किस ब्रांच के चांस
JOSAA Counselling : विद्यार्थियों की पहली च्वॉइस देखें तो आईआईटी मुम्बई सीएस ब्रांच रहती है, जो कि टॉप 61 पर बंद हो जाती है। दूसरी प्राथमिकता दिल्ली सीएस(कंप्यूटर साइंस) को छात्र देते हैं।

आईआईटी जेईई एडवांस्ड का रिजल्ट सोमवार को जारी कर दिया गया। इसके बाद छात्रों और उसके अभिभावकों की सबसे बड़ी उत्सुकता होगी कि किस रैंक पर कौन आईआईटी मिलेगा। इसके अलावा किस ब्रांच में दाखिला होगा। ऐसे विद्यार्थी जिनकी ऑल इंडिया रैंक अंडर-100 है, उन्हें टॉप आईआईटी मुंबई, दिल्ली, कानपुर, मद्रास में कम्प्यूटर साइंस मिलने की संभावना है। विद्यार्थियों की पहली च्वॉइस देखें तो आईआईटी मुम्बई सीएस ब्रांच रहती है, जो कि टॉप 61 पर बंद हो जाती है। दूसरी प्राथमिकता दिल्ली सीएस(कंप्यूटर साइंस) को छात्र देते हैं। तीसरी प्राथमिकता में कानपुर और मद्रास की कम्प्यूटर साइंस ब्रांच को दी जाती है।
100 से 500 रैंक के मध्य दिल्ली, कानपुर की एमएनसी, एआई, डाटा साइंस उपरोक्त चारों आईआईटी की इलेक्ट्रिकल, खड़गपुर की सीएस मिल सकती है। 500 से 1000 के मध्य बीएचयू, रुड़की, हैदराबाद, गुवाहाटी की सीएस, मुम्बई, दिल्ली, कानपुर की कोर ब्रांच मिलने की संभावना है। विशेषज्ञों ने बताया कि 1000 से 4000 के मध्य रैंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को गांधी नगर, इंदौर, रोपड़, मंडी, जोधपुर, धनबाद, पटना, भुवनेश्वर में कम्प्यूटर साइंस व मुम्बई, दिल्ली, कानपुर, खड़गपुर आईआईटी में कम्प्यूटर साइंस मिलने की संभावना रहती है।
कुल 54 हजार 378 विद्यार्थी ने सफलता पायी
2025 का कट ऑफ पिछले वर्ष 2024 की तुलना में 10 प्रतिशत कम रहा है। इस वर्ष सामान्य श्रेणी के औसतन 20.56 (74 अंक) एवं विषयवार औसतन 5.83 (7 अंक), ओबीसी एवं ईडब्ल्यूएस की औसतन 18.50 प्रतिशत (66 अंक), विषयवार औसतन 5.25 प्रतिशत (6 अंक), एससी-एसटी औसतन 10.28 प्रतिशत (37 अंक) एवं विषयवार औसतन 2.92 प्रतिशत (3 अंक) कट ऑफ रहा।
कुल सफल 54 हजार 378 विद्यार्थियों में से 17 हजार 511 सामान्य श्रेणी के, 12800 ओबीसी, 6500 ईडब्ल्यूएस, 12528 एससी, 5017 एसटी कैटेगिरी के विद्यार्थी हैं।
रैंक के अनुसार ब्रांच
- 4000 से 8000 के मध्य रुड़की, गुवाहाटी, खड़गपुर, हैदराबाद, वाराणसी में सिविल, केमिकल, मेटलर्जी एवं मुम्बई, दिल्ली, कानपुर, मद्रास में लोअर ब्रांचेंज, पलक्कड़, तिरुपति, गोवा, धाड़वाड़, भिलाई, जम्मू में सीएस मिलने की संभावना बन सकती है।
- 8000 से 12000 के मध्य रैंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को रोपड़, मंडी, इंदौर, गांधीनगर, जोधपुर, भुवनेश्वर, पटना, धनबाद में कोर ब्रांच के अतिरिक्त अन्य ब्रांचों के साथ-साथ पुराने सात आईआईटी में बॉयलोजिकल साइंस, नेवल आर्किटेक्चर, माइनिंग इंजीनियरिंग, पॉलीमर साइंस, सिरेमिक इंजीनियरिंग जैसी ब्रांचें मिलने की संभावना रहती है।
- 12 से 17 हजार के मध्य रैंक प्राप्त करने वाले स्टूडेंट्स को नई आईआईटी जैसे पलक्कड़, तिरुपति, गोवा, धाड़वाड़, भिलाई, जम्मू की अन्य ब्रांच मिलने की संभावना रहती है।
- उपरोक्त रैंक पर आईआईटी की ब्रांच मिलने की संभावनाएं कैटेगरी अनुसार परिवर्तित होती है। साथ ही छात्राओं को दिए गए 20 प्रतिशत फी-मेल पूल कोटे से उपरोक्त आईआईटी में ब्रांच मिलने की संभावनाएं काफी पीछे की रैंक तक बन जाती है।