IAT टॉपर IISER नहीं इस संस्थान में लेगा दाखिला, JEE Main, एडवांस्ड व NEET में भी धाकड़ रैंक
आईआईएसईआर एप्टीट्यूड टेस्ट (आईएटी) में वेस्ट बंगाल के दिशांत बसु ने 240 में से 240 अंक प्राप्त कर टॉप किया है। जेईई मेन 2025 में दिशांत की ऑल इंडिया रैंक 50,जेईई एडवांस 2025 में एआईआर 520 और नीट यूजी 2025 में 2734 (586/720 अंक) रही।

आईआईएसईआर एप्टीट्यूड टेस्ट (आईएटी) में टॉप करने वाले कोलकाता के दिशांत बसु भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (IISER) की बजाय आईआईएससी बेंगलुरु से पढ़ाई करना चाहते हैं। डीपीसी रूबी पार्क के स्टूडेंट रहे दिशांत का कहना है कि वे भविष्य में क्वांटम फिजिक्स में रिसर्च करने के लिए वह आईआईएससी बेंगलुरु में एडमिशन लेना चाहते हैं। इसके लिए वह आईएटी एंट्रेंस टेस्ट में बैठे थे। आपको बता दें कि भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (IISER) ने 24 जून को आईआईएसईआर एप्टीट्यूड टेस्ट (IAT) 2025 का रिजल्ट जारी किया था। यह परीक्षा मुख्यत: बरहामपुर भोपाल, कोलकाता, मोहाली, पुणे, तिरुवनंतपुरम और तिरुपति स्थित आईआईएसईआर द्वारा संचालित 5 वर्षीय बीएस-एमएस (दोहरी डिग्री), 4 वर्षीय बीएस और बीटेक डिग्री कोर्सेज में दाखिले के लिए आयोजित की जाती है। इसके अलावा आईएटी एंट्रेंस टेस्ट के जरिए आईआईएससी बेंगलुरु में बैचलर ऑफ साइंस (रिसर्च) कोर्स और आईआईटी मद्रास के बीएस मेडिकल साइंसेज एंड इंजीनियरिंग कोर्स में भी दाखिला मिलता है।
दिशांत के पिता डॉक्टर और मां इंटीरियर डिजाइनर हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक दिशांत पहले ही जेईई एडवांस्ड पास कर लिया जिससे उन्हें आईआईएससी बेंगलुरु में दाखिला मिल गया है। उन्होंने कहा, 'आईआईएससी मेरा ड्रीम इंस्टीट्यूट है, जिसके लिए मैंने वहां पढ़ने का मौका पाने के लिए कड़ी मेहनत की। मैंने आईएटी और जेईई एडवांस्ड दोनों प्रवेश परीक्षाएं दी हैं, जिनके रिजल्ट आईआईएससी में दाखिले के लिए स्वीकार किए जाते हैं। आईएटी का परिणाम जेईई एडवांस्ड के परिणाम के बाद जारी हुआ और मेरे अब आईआईएससी में दाखिले की प्रक्रिया चल रही है। आईएटी ऑल इंडिया रैंक ने मुझे काफी तसल्ली दी है हालांकि इसमें बैठने का मुख्य उद्देश्य पहले ही पूरा हो चुका था।'
जेईई व नीट में भी शानदार रैंक
जेईई मेन 2025 में दिशांत की ऑल इंडिया रैंक 50,जेईई एडवांस 2025 में एआईआर 520 और मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी 2025 में 2734 (586/720 अंक) रही। दिशांत ने बताया कि वह दिन में 16-17 घंटे पढ़ाई करता था। अपनी जनरेशन के बहुत से बच्चों की तरह वह सोशल मीडिया पर नहीं रहता। इसके बजाय वह अपने खाली समय में किताबें पढ़ता और स्केच बनाता था।
दिशांत की मां बिदिशा बसु ने कहा, 'वह अपनी पढ़ाई पर बहुत ध्यान देता है। जब वह सातवीं कक्षा में था, तो उसके मोबाइल पर कुछ गेम थे, लेकिन धीरे-धीरे उसने आईआईएससी बेंगलुरु में पढ़ाई करने का लक्ष्य तय किया और तैयारी शुरू कर दी। हमें कभी भी उसके सोशल मीडिया या ऑनलाइन गेम की आदतों के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ी क्योंकि वह जानता था कि उसे क्या करना है। हम 16 सदस्यों वाले संयुक्त परिवार में रहते हैं और हर सदस्य ने उसके लक्ष्य को हासिल करने में उसका साथ दिया। दिशांत को किताबें बहुत पसंद हैं।'