Hindi Newsकरियर न्यूज़BTech CSE : AI now writes 25 percent of code in the US Should BTech Computer Science students rethink career plans

BTech : सबसे मलाईदार बीटेक ब्रांच CSE खतरे में? कहीं टूट न जाए मोटे सैलरी पैकेज का ख्वाब

BTech CSE : क्या एआई आने वाले समय में कंप्यूटर साइंस फील्ड की चमक फीकी कर देगा। दरअसल अब अमेरिका में 50 फीसदी कोड एआई की मदद से लिखे जा रहे हैं। इससे प्रोग्रामिंग फील्ड में एंट्री लेवल की नौकरियां कम हो गई हैं। इससे सीएसई का क्रेज घट रहा है।

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 24 June 2025 05:54 PM
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BTech : सबसे मलाईदार बीटेक ब्रांच CSE खतरे में? कहीं टूट न जाए मोटे सैलरी पैकेज का ख्वाब

जेईई एडवांस्ड हो, जेईई मेन हो या फिर अन्य कोई बीटेक प्रवेश परीक्षा, हर एंट्रेंस एग्जाम में बीटेक कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (बीटेक सीएसई) कोर्स की कटऑफ सबसे हाई रहती है। तमाम बीटेक ब्रांच में सीएसई सबसे ज्यादा डिमांड वाली और पसंदीदा रहती है। वजह इस क्षेत्र में बीते कई वर्षों से मिल रहे अच्छे सैलरी पैकेज और बेशुमार संभावनाएं। लेकिन क्या आने वाले सालों में यह ट्रेंड बदलने वाला है? क्या एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आने वाले समय में कंप्यूटर साइंस फील्ड की चमक फीकी कर देगा। दरअसल अब अमेरिका में 50 फीसदी कोड एआई की मदद से लिखे जा रहे हैं। दिग्गज टेक कंपनियां एआई से ही कोड तैयार कर रही हैं। इससे प्रोग्रामिंग फील्ड में एंट्री लेवल की नौकरियां कम हो गई हैं।

अमेरिका में इन हालातों का सीधा असर कंप्यूटर साइंस कोर्स में दाखिले पर भी पड़ा है। न सिर्फ कंप्यूटर साइंस कोर्स में दाखिलों की संख्या में कमी आई है बल्कि स्टूडेंट्स टेक कंपनियों में एआई के चलते हो रहीं छंटनियों और जूनियर प्रोग्रामरों के भविष्य की अनिश्चितताओं के चलते टेंशन में आ गए हैं। अब फोकस हाइब्रिड एक्सपर्टाइज की ओर ट्रांसफर हो रहा है, जिसमें टेक्निकल स्किल को क्रिएटिविटी और स्ट्रेटिजिक थिंकिंग के साथ जोड़ा जा रहा है, क्योंकि एआई कंप्यूटर साइंस फील्ड को नया रूप दे रहा है।

एआई निपटा रहा एंट्री लेवल जॉब्स का काम

टीओआई की एक खबर के मुताबिक द अटलांटिक में प्रकाशित एक रिपोर्ट बताती है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अब सिर्फ प्रोग्रामर की मदद नहीं कर रहा है, यह सक्रिय रूप से कोड लिख रहा है। माइक्रोसॉफ्ट और अल्फाबेट जैसी प्रमुख अमेरिकी टेक कंपनियां अब अपने लगभग 25 फीसदी कोड बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर निर्भर हैं। जैसे-जैसे जनरेटिव टूल सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट वर्कफ्लो में गहराई के साथ जुड़ते जा रहे हैं इससे न केवल उत्पादकता बढ़ा रही है, बल्कि एंट्री लेवल की टेक जॉब्स का भविष्य संकट में पड़ता दिख रहा है।

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सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट क्षेत्र की एंट्री लेवल नौकरियां का संकट कुछ आंकड़ों से भी जाहिर होता है। द अटलांटिक के अनुसार कंप्यूटर साइंस और मैथ्स के रोल में कार्यरत 22-27 वर्ष के युवाओं की संख्या में हाल के वर्षों में 8 फीसदी की गिरावट आई है। हालांकि इसका कुछ कारण टेक क्षेत्र की छंटनी है, लेकिन एआई से आया ऑटोमेशन भी इसकी बड़ी वजह रहा है।

प्रमुख टेक कंपनियां भी इस बदलाव को पहचानती हैं। माइक्रोसॉफ्ट और गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट के अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि अब उनके कोड प्रोडक्शन में एआई की महत्वपूर्ण भूमिका है। एंथ्रोपिक जैसे स्टार्टअप में एआई मॉडल पहले से ही जूनियर-लेवल कोडर्स की जरूरत को पूरी तरह से खत्म कर रहे हैं।

सॉफ्टवेयर की नौकरियों को सबसे ज्यादा जोखिम

ये डर सिर्फ हायरिंग मैनेजर और एकेडमिक्स तक ही सीमित नहीं हैं। 2025 के प्यू रिसर्च सेंटर के सर्वेक्षण में पाया गया कि 48 फीसदी अमेरिकी मानते हैं कि आने वाले सालों में सॉफ्टवेयर इंजीनियर उन पेशों में से होंगे जो एआई से सबसे ज़्यादा प्रभावित होंगे। यह प्रोफेशन शिक्षकों, पत्रकारों या एकाउंटेंट की तुलना में ज्यादा प्रभावित होगा।

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छात्र सीएस ब्रांच क्यों छोड़ रहे

टेक मार्केट में एंट्री लेवल जॉब्स के संकट का असर छात्रों के बीच भी देखा जा रहा है। कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में कई वर्षों से चली आ रही जबरदस्त डिमांड के बाद अब इस क्षेत्र में एडमिशन में कमी आ रही है। द अटलांटिक में दिए गए हाल के डेटा के अनुसार अमेरिका में सीएस मेजर्स में राष्ट्रीय वृद्धि इस वर्ष केवल 0.2% तक धीमी हो गई है। प्रिंसटन और स्टैनफोर्ड जैसे बड़े शैक्षणिक संस्थानों में, जिन्हें कभी सिलिकॉन वैली के लिए मैनपावर उपलब्ध कराने वाली बड़ी पाइपलाइन के तौर पर माना जाता था, सीएस स्नातक की संख्या या तो स्थिर हो गई है या घटने लगी है। उदाहरण के लिए प्रिंसटन के विभाग को दो वर्षों के भीतर मेजर्स में लगभग 25 फीसदी की गिरावट का अनुमान है।

छात्र भी अब सतर्क हो गए हैं। टेक कंपनियों में बड़े पैमाने पर छंटनी, बदलते वीजा मानदंडों और जूनियर प्रोग्रामर के भविष्य को लेकर बढ़ती अनिश्चितता के साथ सीएस अब सुरक्षित करियर वाला नहीं रह गया है जैसा कि पहले लगता था।

कंप्यूटर साइंस छात्रों के लिए आगे की राह

बदलते हालातों ने इंजीनियरिंग संस्थानों और भावी छात्रों के सामने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या कॉलेजों को सीएस विभाग की सीटें कम कर देनी चाहिए? क्या इंटर डिसिप्लिनरी कोर्स जैसे सीएस विद एथिक्स, बायोइनफॉर्मेटिक्स या डिजाइन के साथ सीएस - एआई वाले भविष्य के लिए अनुकूल हैं।

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