AKTU : BTech काउंसलिंग का शेड्यूल जारी, 4 चरणों में JEE Main और फिर CUET व 12वीं पास को भी मौका
AKTU BTech Admission 2025: उत्तर प्रदेश तकनीकी प्रवेश काउंसलिंग (यूपीटीएसी) 7 चरणों में होगी। पहले 4 चरणों में जेईई मेन वालों को दाखिला मिलेगा। 5वें और छठे चरण में सीयूईटी यूजी और इंटरमीडिएट पास को भी पंजीकरण और काउंसलिंग का मौका दिया जाएगा।

AKTU BTech counselling dates : एकेटीयू से संबद्ध 300 से ज्यादा निजी व राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों के बीटेक पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए प्रस्तावित शेड्यूल जारी कर दिया गया है। जिसे अभ्यर्थी एकेटीयू की वेबसाइट पर जाकर उत्तर प्रदेश तकनीकी प्रवेश काउंसलिंग (यूपीटीएसी) 2025 के लिंक पर क्लिक कर देख सकते हैं। एकेटीयू में बीटेक की काउंसलिंग प्रक्रिया का आयोजन सात चरणों में किया जाएगा। इसमें दो स्पेशल चरण भी शामिल हैं। शुरुआती चार चरणों की काउंसलिंग जेईई मेन की मेरिट के आधार पर होगी। जबकि पांचवे चरण में इंटरनल स्लाइडिंग का विकल्प मिलेगा। वहीं छठे और सातवें चरण के लिए नए सिरे से पंजीकरण होंगे। जिसमें जेईई मेंस, सीयूईटी यूजी और इंटरमीडिएट पास को पंजीकरण और काउंसलिंग का मौका दिया जाएगा।
कुलपति प्रो. जेपी पांडेय के मुताबिक, पहले चरण की ऑनलाइन चॉइस फिलिंग व सीट लॉक करने की प्रक्रिया 10 जुलाई से शुरू होकर 12 जुलाई तक चलेगी। प्राविधिक विवि के अनुसार, पहले चरण में सीट कंफर्मेशन शुल्क 14 से 17 जुलाई तक जमा करना होगा और ऑनलाइन फ्रीज या फ्लोट का विकल्प भी 14 से 17 जुलाई तक देना होगा। दूसरे चरण में चॉइस फिलिंग 18-19 जुलाई और सीट अलॉटमेंट 21 जुलाई को होगा। अभ्यर्थी ऑनलाइन फ्रीज या फ्लोट का विकल्प 21 से 23 जुलाई तक देंगे। सीट कंफर्मेशन शुल्क व ऑनलाइन सीट विड्रा भी 21 से 23 जुलाई तक होगी।
कुलपति ने बताया कि तीसरे चरण की चॉइस फिलिंग 24 से 26 जुलाई तक होगी और सीट अलॉटमेंट 28 जुलाई को होगा। सीट कंफर्मेशन शुल्क 28 से 29 जुलाई तक देनी होगी। ऑनलाइन सीट विड्रा 28 से 29 जुलाई तक होगी। चौथे चरण में 30 जुलाई को सभी सीटें ऑटो फ्रीज हो जाएंगी। 30 जुलाई से एक अगस्त तक शुल्क जमा करना होगा, अभ्यर्थी ऑनलाइन सीट विड्रा 30 जुलाई से चार अगस्त तक कर सकेंगे।
च्वाइस फिलिंग क्या होती है?
किसी भी कोर्स में प्रवेश के लिए अभ्यर्थी पहले अपना पंजीकरण कराते हैं। पंजीकरण के बाद वह उपलब्ध कॉलेजों में सीटों के आधार पर विकल्प भरते हैं। इसे च्वाइस फिलिंग (पसंद की सीट चुनना) कहा जाता है। च्वाइस भरने के बाद विवि अभ्यर्थियों की मेरिट व सीटों की उपलब्धता के आधार पर सीट अलॉटमेंट करता है। पसंद का कॉलेज व सीट मिलने पर शुल्क जमा करते हैं।