गर्मियों की छुट्टियों ने पेट्रोल-डीजल और उज्ज्वला योजना ने बढ़ाई एलपीजी की सेल
गर्मी, छुट्टियां और ग्रामीण इलाकों की जरूरतों ने ईंधन सेक्टर को रफ्तार दी है। पेट्रोल-डीजल से लेकर गैस तक, हर चीज की डिमांड बढ़ी है। भारत-पाकिस्तान में तनाव के कारण हवाई यात्राएं ही थोड़ी फिसड्डी रहीं।

इस मई में गर्मी की छुट्टियों और यात्राओं का क्रेज जोरों पर रहा, जिसका असर ईंधन की बिक्री पर भी दिखा। पहले 15 दिनों में पेट्रोल की बिक्री पिछले साल के मुकाबले 10% बढ़कर 15 लाख टन हो गई। यह आंकड़ा कोविड के दौरान (मई 2021) से तो 46% अधिक है। लोगों ने हिल स्टेशनों और घूमने की जगहों पर धमाल मचाया, तो पेट्रोल पंपों पर भी रौनक रही।
डीजल की डिमांड भी लुढ़कने के बाद उभरी
डीजल भारत का सबसे पॉपुलर ईंधन है (90% मार्केट)है। इसकी बिक्री में 2% की बढ़ोतरी हुई। अप्रैल में यह 4% उछला था। गर्मी में शहरों में एसी और गांवों में सिंचाई के लिए डीजल का इस्तेमाल बढ़ा। उद्योग जगत के अधिकारियों ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में डीजल की खपत में कमी आई है, जिससे इसके भविष्य को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं।
अप्रैल से अब तक की वृद्धि एक साल पहले चुनाव प्रचार के लिए खपत में हुई वृद्धि के कारण हुई है। हालांकि, पिछले कुछ महीनों में डीजल की मांग कम होने से एक्सपर्ट्स को चिंता थी, लेकिन अब यह फिर से पटरी पर लौटता दिख रहा है।
हवाई यात्राओं पर पाकिस्तान के साथ तनाव का असर
पाकिस्तान के साथ तनाव के चलते उत्तर और पश्चिम भारत में कुछ उड़ानें रद्द हुईं, जिससे एविएशन फ्यूल (एटीएफ) की बिक्री 1.1% घट गई। मगर, कोविड के बाद के हालात से तुलना करें तो अब भी यह 8.6% ज़्यादा है।
एलपीजी की सेल में 10.4% का उछाल
उज्ज्वला योजना के नए कनेक्शनों की वजह से एलपीजी (रसोई गैस) की बिक्री में 10.4% का उछाल आया। 2019 से अब तक घरेलू रसोई गैस की खपत में करीब पांच महीने के बराबर की वृद्धि हुई है। रसोई गैस की बिक्री एक से 15 मई 2023 की 12.2 लाख टन खपत से 10 प्रतिशत अधिक तथा मई 2021 के पहले पखवाड़े के 10.1 लाख टन से 33 प्रतिशत अधिक रही। एक से 15 अप्रैल के 12.5 लाख टन की तुलना में एलपीजी की बिक्री 7.3 प्रतिशत अधिक है।