US सीनेट ने रेमिटेंस टैक्स पर लिया यह फैसला, भारत में पैसे भेजने वालों पर पड़ेगा असर
अमेरिकी सीनेट ने वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट के संशोधित ड्राफ्ट में प्रस्तावित रेमिटेंस यानी मनी ट्रांसफर टैक्स को कम कर दिया है। यह टैक्स पहले 3.5% था, जिसे घटाकर 1% कर दिया गया है। यह राहत उन भारतीय लोगों के लिए है जो अमेरिका में रहकर भारत में पैसे ट्रांसफर करते हैं।

अमेरिका में रहने वाले नॉन-रेसिडेंट इंडियन यानी एनआरआई लोगों के लिए बड़ी खबर है। दरअसल, अमेरिकी सीनेट ने वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट के संशोधित ड्राफ्ट में प्रस्तावित रेमिटेंस यानी मनी ट्रांसफर टैक्स को कम कर दिया है। यह टैक्स पहले 3.5% था, जिसे घटाकर 1% कर दिया गया है। यह राहत उन भारतीय लोगों के लिए है जो अमेरिका में रहकर भारत में पैसे ट्रांसफर करते हैं।
वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट के नए बदलाव के तहत बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों में रखे गए अकाउंट से किए गए ट्रांसफर को शामिल नहीं किया गया है। वहीं, अमेरिका में जारी किए गए डेबिट और क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किए गए ट्रांसफर को भी इसमें शामिल नहीं किया गया है।
टेंशन में हैं भारतीय प्रवासी
वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट ने अमेरिका में रहने वाले भारतीय प्रवासियों के बीच चिंता पैदा कर दी है, क्योंकि इससे अमेरिका से बाहर भेजे जाने वाले पैसे पर असर पड़ सकता है। मूल रूप से इस बिल में 5% टैक्स लगाने की बात कही गई थी, लेकिन बाद में ने इसे घटाकर 3.5% कर दिया गया। अब शर्तों के साथ नए नियम से लोगों को राहत मिलेगी।
क्या कहते हैं आंकड़े
माइग्रेशन पॉलिसी इंस्टीट्यूट के अनुसार भारतीय, अमेरिका में दूसरे सबसे बड़े विदेशी मूल के समूह हैं। इनकी संख्या साल 2023 तक 2.9 मिलियन से अधिक है। RBI के आंकड़ों के अनुसार, FY24 में भारत के कुल आवक धन का 27.7% हिस्सा अमेरिका से आया, जो लगभग 32 बिलियन डॉलर है।
व्यापार समझौते के करीब भारत-अमेरिका
हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उनका देश भारत के साथ बहुत बड़ा व्यापार समझौता कर सकता है। राष्ट्रपति का यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल अंतिम दौर की व्यापार वार्ता के लिए वाशिंगटन गया हुआ है। बता दें कि राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में भारत पर अतिरिक्त 26 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया था लेकिन भारत सरकार के रूख को देखते हुए उसे नौ जुलाई तक स्थगित कर दिया था। इसके बाद से दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू हुई।