Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Sebi approves tata capital confidential drhp for 17200 crore rs ipo detail here

टाटा ने IPO के लिए बढ़ाए कदम, सेबी ने गोपनीय ड्राफ्ट पेपर को दी हरी झंडी

Tata Capital IPO: बाजार नियामक सेबी ने टाटा की इस कंपनी को आईपीओ के लिए गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी के ड्राफ्ट पेपर को मंजूरी दे दी है। बता दें कि टाटा कैपिटल की ओर से यह ड्राफ्ट पेपर गोपनीय रूट से दायर किए गए थे।

Deepak Kumar लाइव हिन्दुस्तानSat, 21 June 2025 02:00 PM
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टाटा ने IPO के लिए बढ़ाए कदम, सेबी ने गोपनीय ड्राफ्ट पेपर को दी हरी झंडी

Tata Capital IPO: आईपीओ मार्केट में टाटा की एक और कंपनी एंट्री को तैयार है। यह टाटा संस की सहायक कंपनी टाटा कैपिटल है। टाटा कैपिटल संभवतः 17,200 करोड़ रुपये की आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) लॉन्च करने के एक कदम और करीब आ गई है। ईटी की खबर के मुताबिक बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने आईपीओ के लिए गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी के ड्राफ्ट पेपर को मंजूरी दे दी है। बता दें कि टाटा कैपिटल की ओर से यह ड्राफ्ट पेपर गोपनीय रूट से दायर किए गए थे।

अब आगे क्या होगा?

सेबी द्वारा गोपनीय ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) को मंजूरी दिए जाने के बाद अब कंपनी एक बार फिर अपडेटेड ड्राफ्ट पेपर फाइल करेगी। इसके बाद कंपनी IPO के लॉन्चिंग से ठीक पहले सेबी के पास रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) फाइल करेगी। ईटी सूत्रों की मानें तो टाटा कैपिटल जुलाई के पहले सप्ताह में RHP फाइल कर सकती है।

कंपनी में टाटा संस की कितनी हिस्सेदारी

बता दें कि टाटा कैपिटल के आगामी IPO में फ्रेश शेयर इश्यू और टाटा संस द्वारा बिक्री के लिए प्रस्ताव, दोनों शामिल होंगे। टाटा संस के पास कंपनी में 93% इक्विटी हिस्सेदारी है। मार्च तिमाही में कंपनी का प्रॉफिट 31% बढ़कर ₹1,000 करोड़ हो गया, जो पिछले साल की समान अवधि में ₹765 करोड़ था। एक साल पहले ₹4,998 करोड़ की तुलना में परिचालन राजस्व लगभग 50% बढ़कर ₹7,478 करोड़ हो गया। पूरे वित्त वर्ष 2024-25 के लिए कंपनी ने वित्त वर्ष 24 में ₹3,327 करोड़ के मुकाबले ₹3,655 करोड़ का लाभ कमाया। वर्ष के दौरान कुल राजस्व ₹18,175 करोड़ से बढ़कर ₹28,313 करोड़ हो गया।

रिजर्व बैंक के नियम की वजह से लिस्टिंग

भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार, टाटा संस और टाटा कैपिटल को अपर लेयर की एनबीएफसी माना जाता है और उन्हें सितंबर 2025 तक सूचीबद्ध होना आवश्यक है। यह वर्गीकरण अपग्रेडेड नियामक ढांचे को अपनाने और तीन वर्षों के भीतर सूचीबद्ध होने को अनिवार्य बनाता है।

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