JSW पेंट्स ने खरीदी एक्जो नोबल की भारतीय कंपनी, एशियन पेंट्स और बर्जर को दी चुनौती
यह डील न सिर्फ JSW को बाजार में बड़ा खिलाड़ी बनाएगी, बल्कि पेंट इंडस्ट्री में कंसोलिडेशन का नया दौर भी शुरू कर सकती है। जैसे-जैसे नए प्रवेशक आएंगे, एशियन पेंट्स और बर्जर पेंट्स जैसी कंपनियों के लिए चुनौतियां बढ़ेंगी।

JSW पेंट्स ने एक्जो नोबल इंडिया के कारोबार को करीब ₹12,000 करोड़ (लगभग 1.1 अरब डॉलर) में खरीदने का करार किया है। इसके बाद JSW अब भारत की चौथी सबसे बड़ी पेंट कंपनी बन जाएगी। जानकारों के मुताबिक, महीनों की बातचीत के बाद JSW ने अक्जो नोबेल में 75% हिस्सेदारी ₹9,000 करोड़ में खरीदने का फैसला किया, जो गुरुवार के बाजार भाव से 17.4% सस्ता है। इस डील के बाद आज एक्जो नोबल के शेयरों में 7 फीसद से अधिक की उछाल है।
क्यों खास है यह डील?
इकनॉमिक टाइम्स के मुताबिक JSW ने इंडिगो पेंट्स-एडवेंट कंसोर्टियम और पिडिलाइट इंडस्ट्रीज जैसी बड़ी बोलियों को पछाड़ा। इस अधिग्रहण से JSW इंडस्ट्रियल पेंट्स सेगमेंट में कंसाई नेरोलैक के बाद दूसरे नंबर पर पहुंच जाएगी। अक्जो नोबेल के शेयरधारकों के लिए 26% हिस्सेदारी की ओपन ऑफर होगी, जिसकी कीमत SEBI के फॉर्मूले (गुरुवार के क्लोजिंग प्राइस ₹3,213/शेयर) के आधार पर तय होगी। डच कंपनी अक्जो नोबेल अभी भी मामूली हिस्सेदारी बरकरार रख सकती है।
चमक से मंदी तक अक्जो नोबेल का सफर
'डुलक्स' ब्रांड से भारत में 70 साल से सक्रिय अक्जो नोबेल की हालत पिछले कुछ समय से डांवाडोल रही। अक्टूबर 2023 में शेयर ₹4,649 के रिकॉर्ड स्तर पर थे, लेकिन अब 30% गिरकर ₹3,213 रह गए हैं। कंपनी का मार्केट कैप ₹14,524 करोड़ है, जो इस साल 10.5% घटा है। उद्योग में मांग ठंडी पड़ने और प्रतिस्पर्धा बढ़ने से उसे सिर्फ 7% मार्केट शेयर ही हासिल है। फरवरी में उसने अपना सबसे मुनाफेवाला पाउडर कोटिंग्स बिजनेस डच पैरेंट कंपनी को बेच दिया था।
JSW के लिए क्यों जरूरी है यह कदम?
2019 में लॉन्च हुई JSW पेंट्स अब तक बाजार में मजबूत पकड़ नहीं बना पाई थी। पांच साल बाद 2023-24 में पहली बार उसे ऑपरेटिंग मुनाफा (₹2,000 करोड़ राजस्व पर) हुआ। अक्जो की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स, डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क और 'डुलक्स' ब्रांड उसकी पहुंच बढ़ाएगा। इस डील के बाद JSW पेंट्स का राजस्व तुरंत ₹3,000 करोड़ से अधिक हो जाएगा।
पेंट्स इंडस्ट्री का नया लैंडस्केप
₹80,000-90,000 करोड़ के भारतीय पेंट बाजार में अब कंग्लोमरेट्स की दखल बढ़ रही है। अडानी समूह ने हाल में अंबुजा सीमेंट के जरिए पेंट बाजार में एंट्री की। बिरला ओपस ने सिर्फ एक साल में ही हाई सिंगल-डिजिट मार्केट शेयर हासिल कर लिया है और 3 साल में ₹10,000 करोड़ टर्नओवर का लक्ष्य रखा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, आवासीय प्रोत्साहन और बढ़ती क्रय क्षमता से अगले कुछ सालों में यह उद्योग 10-12% सालाना की दर से बढ़ेगा।
(डिस्क्लेमर: एक्सपर्ट्स की सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं, लाइव हिन्दुस्तान के नहीं। यहां सिर्फ शेयर के परफॉर्मेंस की जानकारी दी गई है, यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर मार्केट में निवेश जोखिमों के अधीन है और निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)