HDFC का अधिग्रहण चाहता था ICICI, दीपक पारेख ने चंदा कोचर के सामने खोले राज
एक वक्त पर आईसीआईसीआई बैंक, देश के दिग्गज एचडीएफसी (HDFC) का विलय अपने साथ चाहता था। यह बात एचडीएफसी के पूर्व चेयरमैन दीपक पारेख (Deepak Parekh) ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर (Chanda Kochhar) के साथ एक बातचीत में कहा है।

एक वक्त पर आईसीआईसीआई बैंक, देश के दिग्गज एचडीएफसी (HDFC) का विलय अपने साथ चाहता था। यह बात एचडीएफसी के पूर्व चेयरमैन दीपक पारेख (Deepak Parekh) ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर (Chanda Kochhar) के साथ एक बातचीत में कहा है। इस बातचीत में उन्होंने बताया कि चंदा कोचर ने इस मर्जर का प्रस्ताव दिया था।
क्या कुछ बताया है दीपक पारेख ने?
इसी पूरी बातचीत के दीपक पारेख पारेख ने कहा, “मुझे याद है कि एक बार हम बात कर रहे थे। तब आपने कहा था कि आईसीआईसीआई ने एचडीएफसी की शुरुआत की थी। आप क्यों नहीं फिर से घर वापस आ जाते? यह आपका ऑफर था।” हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि यह बात पब्लिक में नहीं आई। पारिख आगे बताते हैं कि उन्होंने ऑफर को ठुकरा दिया था। और कहा था कि यह सही नहीं होगा। हमारे नाम और बैंक के साथ यह उचित नहीं होगा। दीपक पारेख ने कहा कि यह बैंक के साथ मर्जर होने के पहले की घटना है। पारेख ने इस बातचीत में कहा कि आखिराकर मर्जर एचडीएफसी का बैंक में हो गया।
‘आरबीआई किया पुश’
दीपक पारेख ने कहा है कि आरबीआई ने मर्जर के दौरान काफी सपोर्ट किया। पुश किया और मदद की। हालांकि, उन्होंने कोई छूट, राहत या अतिरिक्त समय नहीं दिया था। दीपक पारेख कहते हैं कि यह प्रक्रिया काफी छुपा कर की जा रही थी। मर्जर के दिन को याद करते हुए पारेख ने कहा कि वह दिन खुशियों और दुख दोनों का दिन था। हालांकि, यह फैसला इंस्टीट्यूशन्स के लिए काफी अच्छा रहा। बता दें, 1 जुलाई को एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी लिमिटेड का मर्जर हो गया।
‘देश के लिए अच्छा’
पारेख ने कहा कि देश के लिए अच्छा है कि उसके पास बड़े बैंक हों। चीन का उदाहरण देते हुए कहा कि देखिए उनके पास कितने बड़े बैंक हैं। इसी बातचीत में पारेख ने इंश्योरेंस सेक्टर की आलोचन की। उन्होंने कहा कि यह गलत तरीके से बेचा जा रहा है।