एयर फोर्स को 6 धाकड़ फाइटर जेट देगी यह डिफेंस कंपनी, कांप जाएगा दुश्मन देश, शेयर पर रखें नजर
कंपनी की योजना अगले साल 16 तेजस एमके-1ए जेट बनाने की है, जो इंजन की स्थिर आपूर्ति पर निर्भर है। फरवरी 2021 में, रक्षा मंत्रालय ने 83 तेजस एमके-1ए जेट के लिए एचएएल के साथ 48,000 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट किया था।

HAL Share: हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के शेयर आने वाले दिनों में फोकस में रह सकते हैं। दरअसल, एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डी के सुनील ने पुष्टि की है कि भारतीय वायुसेना को मार्च 2026 तक कम से कम 6 तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) मिल जाएंगे। उन्होंने डिलीवरी में देरी के लिए अमेरिका स्थित इंजन आपूर्तिकर्ता जीई एयरोस्पेस को जिम्मेदार ठहराया। बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद एचएएल के शेयर लगातार चर्चा में हैं। कंपनी के शेयर आज मंगलवार को 4,885.10 रुपये पर आ गए थे। इस साल अब तक इसमें 20% तक की तेजी देखी गई है।
क्या है डिटेल
पीटीआई वीडियो को दिए गए एक इंटरव्यू में सुनील ने कहा, "एलसीए मार्क 1ए के मामले में, हमने विमान बना लिया है। आज की तारीख में, हमारे पास छह विमान तैयार हैं। लेकिन जीई एयरोस्पेस से इंजन की डिलीवरी नहीं हुई है। उन्हें 2023 में इंजन देने थे। आज तक, हमें केवल एक इंजन मिला है।" बता दें कि F404 इंजन की डिलीवरी में देरी विवाद का विषय रहा है। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने सार्वजनिक रूप से HAL के तेजस Mk-1A प्रोडक्शन में देरी पर चिंता जताई है। सुनील के अनुसार, GE एयरोस्पेस में उत्पादन में देरी कोविड महामारी के दौरान शुरू हुई और वरिष्ठ इंजीनियरों के बाहर निकलने से और अधिक प्रभावित हुई, जिससे आपूर्ति श्रृंखला में बाधा उत्पन्न हुई।
कंपनी की योजना
सुनील ने कहा, "हर कंपनी को आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है। ऐसा होता है। मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि आज तक, छह विमान तैयार हैं। हमारी ओर से कोई कमी नहीं है। हम उन विमानों का निर्माण कर रहे हैं और उन्हें तैयार कर रहे हैं और हम (इस वित्तीय वर्ष तक) डिलीवरी करने की स्थिति में होंगे।" उन्होंने कहा कि जीई एयरोस्पेस द्वारा चालू वित्त वर्ष में 12 इंजन की आपूर्ति किए जाने की उम्मीद है, जिससे एचएएल को आपूर्ति जारी रखने में मदद मिलेगी।
16 तेजस एमके-1ए जेट बनाने की है योजना
एचएएल की योजना अगले साल 16 तेजस एमके-1ए जेट बनाने की है, जो इंजन की स्थिर आपूर्ति पर निर्भर है। फरवरी 2021 में, रक्षा मंत्रालय ने 83 तेजस एमके-1ए जेट के लिए एचएएल के साथ 48,000 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट किया था। सरकार लगभग 67,000 करोड़ रुपये में अतिरिक्त 97 विमान खरीदने की प्रक्रिया में है। इन स्वदेशी जेट विमानों से पुराने हो चुके मिग-21 लड़ाकू विमानों की जगह लेने की उम्मीद है, जिससे भारतीय वायुसेना को अपनी मौजूदा स्क्वाड्रन ताकत को मजबूत करने में मदद मिलेगी, जो स्वीकृत 42 के मुकाबले घटकर 31 रह गई है। बता दें कि तेजस एक एकल इंजन वाला, बहु-भूमिका वाला फाइटर जेट है जिसे वायु रक्षा, समुद्री टोही और स्ट्राइक मिशन के लिए डिजाइन किया गया है।