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कारोबार से जुड़े ये नियम सख्त करने की तैयारी में सरकार! इन सेक्टर्स पर पड़ेगा असर, जानिए डिटेल

सरकार के इस कदम से ई-कॉमर्स से लेकर फार्मास्यूटिकल्स तक के कारोबारों पर असर पड़ सकता है।

Varsha Pathak रॉयटर्सMon, 19 May 2025 06:56 PM
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कारोबार से जुड़े ये नियम सख्त करने की तैयारी में सरकार! इन सेक्टर्स पर पड़ेगा असर, जानिए डिटेल

FDI Rule: भारत सरकार विदेशी स्वामित्व से जुड़े नियमों को और सख्त करने की योजना बना रही है। सरकार के इस कदम से ई-कॉमर्स से लेकर फार्मास्यूटिकल्स तक के कारोबारों पर असर पड़ सकता है। ये बदलाव विदेशी स्वामित्व वाली कंपनियों के प्रति भारत के नजरिए को फिर से परिभाषित करेंगे, चाहे वे प्रत्यक्ष हों या अप्रत्यक्ष, शेयर हस्तांतरण या पुनर्गठन के मामले में उन्हें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों के अधीन बनाया जाएगा। रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया कि चर्चाएं फाइल स्टेज पर है। हालांकि, इस संबंध में वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।

सरकार कर रही समीक्षा

बता दें कि भारत अपने विदेशी निवेश कानूनों की समीक्षा कर रहा है ताकि उन्हें सरल बनाया जा सके और किसी भी तरह की खामियों को दूर किया जा सके। रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्र ने कहा कि नई दिल्ली "विदेशी स्वामित्व वाली और नियंत्रित संस्थाओं" (FOCE) की एक नई श्रेणी बनाने की योजना बना रही है, जिसमें "अप्रत्यक्ष विदेशी निवेश" वाली भारतीय फर्में भी शामिल होंगी। सूत्र ने कहा, "जो सीधे नहीं किया जा सकता है, उसे अप्रत्यक्ष रूप से भी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। यह अब नियमों में स्पष्ट रूप से परिलक्षित होगा।" सूत्र ने कहा, "यदि नियम परिवर्तन लागू किया जाता है, तो घरेलू पुनर्गठन या आंतरिक हस्तांतरण भी विदेशी स्वामित्व वाली फर्मों के लिए FDI दायित्वों को ट्रिगर कर सकता है।" ये लेन-देन भी नियमों के अधीन होंगे, जिसमें कहा गया है कि इन्हें उचित बाजार मूल्य पर किया जाना चाहिए। सूत्रों ने कहा कि नियमों में प्रस्तावित संशोधन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विदेशी निवेशक भारत की एफडीआई नीति के इरादे को दरकिनार न कर सकें। दूसरे अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय बैंक इस मामले पर सहमत है।

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क्या है डिटेल

बता दें कि साल 2020 से भारत ने सुदूर हिमालयी सीमा पर दो पड़ोसियों के बीच झड़पों के बाद, चीन सहित अपनी भूमि सीमाओं को साझा करने वाले देशों से निवेश के लिए पूर्व सरकारी अनुमोदन की आवश्यकता की है। दूसरे स्रोत ने कहा कि नई FOCE परिभाषा चीनी या अन्य विदेशी निवेशकों के लिए अप्रत्यक्ष संरचनाओं जैसे कि ऑफशोर निवेश फंड या स्तरित भारतीय संस्थाओं का उपयोग करके पिछले दरवाजे से रेगुलेटेड एरियाज में प्रवेश करना कठिन बना देगी।

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