इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए नई योजना, सरकार ने जारी की डिटेल, शेयर खरीदने की मची लूट, ₹54 पर आया शेयर
मिनिस्ट्री ऑफ हैवी इंडस्ट्रीज द्वारा भारत में इलेक्ट्रिक पैसेंजर कारों के विनिर्माण को बढ़ावा देने की योजना के लिए डिटेल गाइडलाइंस जारी किए गए हैं।

Ola Electric share: ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड और एथर एनर्जी लिमिटेड के शेयरों में आज सोमवार को गजब की तेजी है। ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड के शेयर आज 7% तक चढ़कर 54.40 रुपये के इंट्रा डे हाई पर पहुंच गए थे। इसका पिछला बंद भाव 50.97 रुपये था। वहीं, एथर एनर्जी लिमिटेड के शेयर में 1% तक की तेजी देखी गई और यह शेयर कारोबार के दौरान 751 रुपये के इंट्रा डे हाई पर पहुंच गया था। शेयर में इस तेजी के पीछे सरकार का एक ऐलान है। दरअसल, मिनिस्ट्री ऑफ हैवी इंडस्ट्रीज द्वारा "भारत में इलेक्ट्रिक पैसेंजर कारों के विनिर्माण को बढ़ावा देने की योजना" के लिए डिटेल गाइडलाइंस जारी किए गए हैं।
क्या है डिटेल
बता दें कि ग्लोबल निवेश को आकर्षित करने और भारत के इलेक्ट्रिक वाहन इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम बताया जा रहा है। इस योजना के तहत, अप्रूव्ड आवेदकों को आवेदन अप्रूवल डेट से पांच सालों के लिए 15% की कम सीमा शुल्क पर न्यूनतम 35,000 डॉलर के सीआईएफ मूल्य वाले पूरी तरह से निर्मित इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहनों को आयात करने की अनुमति दी जाएगी। आयात की सीमा 8,000 यूनिट प्रति वर्ष होगी, तथा अप्रयुक्त सीमा को आगे ले जाने की अनुमति होगी। इस योजना के तहत कुल छूट शुल्क 6,484 करोड़ रुपये या किए गए निवेश में से जो भी कम हो, उस पर सीमित है। अर्हता प्राप्त करने के लिए, कंपनियों को तीन वर्षों के भीतर न्यूनतम 4,150 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा। स्वीकृत आवेदकों को विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने और परिचालन शुरू करने की आवश्यकता होगी।
इस योजना में नए प्लांट, मशीनरी, संबंधित उपयोगिताओं और अनुसंधान एवं विकास में निवेश के प्रावधान शामिल हैं। भूमि पर खर्च पर विचार नहीं किया जाएगा, हालांकि प्लांट बिल्डिंग और उपयोगिताएं (प्रतिबद्ध निवेश का 10% तक) और ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर (5% तक) योग्य होंगे। आवेदकों को 4,150 करोड़ रुपये या कुल छूटे जाने वाले शुल्क में से जो भी अधिक हो, उसके बराबर बैंक गारंटी प्रदान करनी होगी। पात्रता मानदंड में न्यूनतम 10,000 करोड़ रुपये का वैश्विक ऑटोमोटिव राजस्व और 3,000 करोड़ रुपये का अचल संपत्ति निवेश शामिल है। विस्तृत सूचना जल्द ही भारी उद्योग मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध होगी।