लेंडर्स की समिति से ग्लास ट्रस्ट को हटाया जाए, बायजू ने NCLT से लगाई गुहार
उन्होंने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) से ग्लास ट्रस्ट को लेनदारों का प्रतिनिधित्व करने के अपने अधिकार को साबित करने का निर्देश देने की अपील की है।

एडुटेक बायजू की प्रमोटर कंपनी 'थिंक एंड लर्न' के को-फाउडंर और पूर्व प्रमोटर रिजू रवींद्रन ने दिवाला न्यायाधिकरण एनसीएलटी का दरवाजा खटखटाया है। रिजू रवींद्रन ने ग्लास ट्रस्ट को वित्तीय लेनदार के रूप में लेंडर्स की समिति (सीओसी) से हटाने के लिए यह फैसला लिया है। रवींद्रन ने अपनी याचिका में ग्लास ट्रस्ट पर खुद को ‘धोखे’ से वित्तीय लेनदार के रूप में पेश करने का आरोप लगाया है। उन्होंने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण से ग्लास ट्रस्ट को लेनदारों का प्रतिनिधित्व करने के अपने अधिकार को साबित करने का निर्देश देने की अपील की है।
क्या कहा रवींद्रन ने?
रवींद्रन ने कहा है कि अमेरिकी लेंडर्स का प्रतिनिधित्व कर रहे ग्लास ट्रस्ट के पास टर्म लोन प्रोवाइड के गठजोड़ के सिर्फ 17.38 प्रतिशत मताधिकारों के ही प्रतिनिधित्व का अधिकार है। जबकि 50 प्रतिशत से अधिक लोन हिस्सेदारी रखने वाले संस्थानों की तरफ से अधिकृत होना जरूरी है। बता दें कि अमेरिकी कंपनी ग्लास ट्रस्ट कंपनी के पास बायजू का 1.2 अरब डॉलर बकाया है।
रवींद्रन ने एनसीएलटी से ग्लास ट्रस्ट को सीओसी से फौरन हटाने का निर्देश देने और इस समिति द्वारा लिए गए सभी निर्णयों को रद्द करने की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा है कि ऋणदाताओं के प्रतिनिधित्व को साबित न करने तक न्यायाधिकरण बायजू के खिलाफ कर्ज समाधान प्रक्रिया चलाने पर रोक लगा दिया जाए। इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को एनसीएलटी की बेंगलुरु पीठ के समक्ष होनी है।
आकाश एजुकेशनल ने दी बायजू को टेंशन
हाल ही में आकाश एजुकेशनल सर्विसेज ने एनसीएलटी से बायजू की याचिका को खारिज करने और एडवाइजरी फर्म ईएंडवाई, उसके साझेदार अजय शाह को पक्षकार बनाने की अपील की है। आकाश एजुकेशनल ने अपने आवेदन में बायजू की संचालक कंपनी ‘थिंक एंड लर्न’ की तरफ से दायर याचिका को उत्पीड़न, कुप्रबंधन मुकदमा बताते हुए उसे खारिज करने की अपील की है।