महिला तांत्रिक ने कब्र से निकलवाई लाश, जिंदा करने का दावा; बिहार में अंधविश्वास का नंगा नाच
महिला तांत्रिक के कहने पर बच्चे का शव कब्र से निकाल कर लाया गया। काफी तंत्र-मंत्र के बावजूद बच्चा जिंदा नहीं हुआ। इसी बीच पुलिस पहुंच गई।

बिहार के पश्चिम चंपारण से अंधविश्वास के तांडव की खबर आई है। बगहा नगर थाना के खैरपोखरा में एक महिला तांत्रिक के द्वारा मृत बच्चों को पुनः जीवित करने की दावा के बाद बच्चों के शव को कब्र से निकालकर तंत्र-मंत्र का खेल शुरू हुआ। इस विचित्र और अंधविश्वासी गतिविधि की खबर फैलते ही मौके पर सैकड़ों की संख्या में लोग जमा हो गये। भीड़ इतनी बढ़ गई कि रेलवे ट्रैक तक लोगों का तांता लग गया जिससे यातायात व्यवस्था भी प्रभावित हुई। घटना की सूचना मिलते ही बगहा थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और हस्तक्षेप कर शव को फिर से परिजनों को सौंपते हुए दफन कराने की प्रक्रिया दोबारा पूरी कराई।
पुलिस ने महिला तांत्रिक ज्ञानती देवी को हिरासत में ले लिया है। पुलिस द्वारा कार्रवाई के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू हो गई। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा। बगहा थाना अध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया कि फिलहाल स्थिति को शांत कर लिया गया है। महिला तांत्रिक से पूछताछ की जा रही है और पूरे मामले की जांच की जा रही है। पुलिस प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि अफवाहों और अंधविश्वास से दूर रहें तथा कानून व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करे।
गौरतलब हो कि शुक्रवार की खैरपोखर निवासी सुखदेव पटेल के 12 वर्षीय पुत्र संदीप की मौत चारपाई से गिरने से हो गई। हादसे के बाद परिजन उसे लेकर अनुमंडलीय अस्पताल बगहा पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद बच्चे के शव को गांव में दफना दिया गया। लेकिन शनिवार को ज्ञानती देवी नामक एक महिला तांत्रिक गांव पहुंची और दावा किया कि वह बच्चे को ज़िंदा कर सकती है।
महिला के दावे पर भरोसा करते हुए परिजनों ने स्थानीय लोगों की मदद से शव को कब्र से फिर बाहर निकाल लिया। इसके बाद तांत्रिक महिला ने एक रेखा खींचकर शव को उसके बीच में रखा, अगरबत्तियां जलाईं, मंत्रोच्चारण किया और सरसों के दाने शव पर फेंकने लगी। तांत्रिक द्वारा घंटों मशक्त के कुछ परिणाम सामने नहीं आया। इसी बीच पुलिस पहुंच गई।