सौ महाशिवरात्रि का फल देता है आद्रा नक्षत्र : आचार्य
करजाईन बाजार, एक संवाददाता । धर्म ग्रंथों एवं ज्योतिष के ग्रंथों में आद्रा नक्षत्र

करजाईन बाजार, एक संवाददाता । धर्म ग्रंथों एवं ज्योतिष के ग्रंथों में आद्रा नक्षत्र का अत्यधिक महत्व है। इस बार आद्रा नक्षत्र 22 जून को प्रारंभ हुआ एवं छह जुलाई तक रहेगा। इस नक्षत्र में शिव पूजा और प्रणव ओम का जाप अक्षय फलदाई होता है। मैथिल पंडित आचार्य धर्मेंद्रनाथ मश्रि ने कहा कि आद्रा नक्षत्र अध्ययन अध्यापन में रुचि रखने वाले लोगों की कृति बढ़ती है। इस नक्षत्र में जन्मे लोग अत्यधिक प्रभावशाली देखे जाते हैं। आद्रा नक्षत्र किसानों को लेकर अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस नक्षत्र में बारिश की शुरुआत होती है और किसान लोग दालपुरी, खीर, आम के साथ -साथ कई तरह के भोग भगवती को लगाकर भगवती से प्रार्थना करते हैं कि कृषि में अन्न आदि की खूब वृद्धि हो।
आर्द्रा नक्षत्र के प्रवेश होते ही सभी गृहस्थों को यदि संभव हो तो शिवालय में या घर में संध्या के समय दीप प्रज्वलित करना चाहिए। क्योंकि इसी दिन महादेव ने ब्रह्मा वष्णिु के समक्ष अग्नि स्तंभ के रूप में प्रकट हुए थे। यह शिवरात्रि से भी महान है। शिव पुराण में कहा गया है । सौ महाशिवरात्रि के बराबर एक आद्रा नक्षत्र पर्याप्त है।
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