सुपौल : किशनपुर की 16 पंचायतों में 11 एपीएचसी, मरीज फिर भी बेबस
किशनपुर में 16 पंचायतों में से 11 पंचायतों में उप स्वास्थ्य केंद्र हैं, लेकिन वहां डॉक्टर नहीं हैं। लोगों को इलाज के लिए 10 से 30 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। सरकार का दावा कागजों तक सीमित है, जबकि...
किशनपुर, एक संवाददाता। प्रखंड क्षेत्र में 16 पंचायत हैं। इसमें 11 पंचायतों में उप स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है, लेकिन कहीं भी डॉक्टर नहीं हैं। इसके कारण लोगों को इलाज कराने के लिए सीएचसी किशनपुर जाना पड़ता है। सरकार द्वारा दावा किया जा रहा है कि हर पंचायत के उप स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर और एएनएम की नियुक्ति कर दी गई है, लेकिन यह दावा सिर्फ कागज पर ही संचालित हो रहा है। बताया जाता है कि 11 उप स्वास्थ्य केंद्र में सिर्फ 6 उप स्वास्थ्य केंद्र को ही अपना भवन है, लेकिन डॉक्टर की एक भी उप स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित नहीं हैं।
मजे की बात है कि 6 उप स्वास्थ्य केंद्र में कागजों पर ही एएनएम ड्यूटी करती है। कोसी तटबंध के भीतर दुबियाही, मौजहा, बौरहा, परसामाधो के पंचायत उप स्वास्थ्य केन्द्र कागज पर ही संचालित है। बारिश के समय यहां के लोगों को इलाज कराने में भारी परेशानी होती है। तटबंध के भीतर लगभग 50 हजार की आबादी के लिए सिर्फ एकमात्र किशनपुर सीएचसी है। प्रखंड के दूर-दूर तक के लोग इसी अस्पताल में इलाज कराने के लिए आते हैं। कटहारा कदमपुरा पंचायत के खखई में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक डॉक्टर पदस्थापित हैं। इसके कारण अधिकांश पंचायत के लोगों को डॉक्टरो की पद स्थापित नही रहने कारण इलाके के मरीजो को ईलाज कराने के लिए10 किलोमीटर दूर किशनपुर सीएचसी जाना पड़ता है। ग्रामीण रविन्द्र कुमार साह,रमेश कुमार यादव, बच्चे लाल शर्मा, रामदेव शर्मा, महेंद्र शर्मा, जलेश्वर शर्मा, मंद राज शर्मा, शंभू शर्मा, खट्टर शर्मा, सूर्य नारायण शर्मा, फुलेश्वर राम, बिहारी राम, छोटे लाल शर्मा आदि ने बताया कि एक तरफ सरकार के द्वारा स्वास्थ्य सुविधा बेहतर देने की बात करते है, जहा लोगों स्वास्थ्य सेवा के लिए घर से अधिक दुर ना जाना परे इसको लेकर सरकार के द्वारा विभिन्न पंचायतो में करोड़ो रूपय खर्चकर कई साल पहले अस्पताल बनाकर तैयार भी है। हैरत की बात है कि करोड़ों रुपए अस्पताल पर खर्च के बाबजूद बिना डॉक्टर के कई उप स्वास्थ्य केंद्र धूल फांक रहे हैं। अस्पताल में डॉक्टर की कमी के कारण क्षेत्र के लोगों को इलाज कराने के लिए 25 से 30 किलोमीटर किशनपुर या सुपौल जाना पड़ता है। कोसी नदी से घिरे गांव में हजारों लोगों की जिंदगी आज भी भगवान भरोसे है। कोसी की दो धाराओं के बीच में पांच पंचायत के लगभग दो दर्जन गांव के लोग रह रहे हैं। इन लोगों के स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए कहीं भी एक अस्पताल नहीं है। अगर किसी परिवार में कोई सदस्य बीमार पड़ जाता है तो लोगों को चिंता सताने लगती है। कोसी तटबंध के भीतर परसा माधों ,बौरहा, मौजहा, दुबियाही में स्वास्थ्य सेवा का कोई साधन उपलब्ध नहीं है। इसके कारण खासकर प्रसव पीड़ित महिलाओं को परेशानी होती है। इसके कारण जज्जा और बच्चा दोनों की जान खतरे में रहती है। इस बाबत सीएचसी प्रभारी डॉक्टर अभिषेक कुमार सिन्हा ने बताया कि राजपुर पंचायत के नमनमा और सिंगियावन, चौहट्टा, सुखासन और अंदौली, नौआबाखर, उप स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर के अभाव में एएनएम ही ओपीडी में मरीज को देखते हैं। डॉक्टरों की कमी की जानकारी वरीय पदाधिकारियों को दी गई है।
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