Hindi Newsबिहार न्यूज़Suspected Chinese spy tried to infiltrate from Nepal border in Bihar offered bribe Rs 50000 when caught

बिहार में नेपाल बॉर्डर से चीनी जासूस के घुसपैठ की कोशिश, पकड़े जाने पर 50 हजार की रिश्वत ऑफर की

किशनगंज में भारत-नेपाल सीमा से एसएसबी ने एक संदिग्ध चीनी जासूस को गिरफ्तार किया है। आरोपी के पास से फर्जी भारतीय पासपोर्ट जब्त हुआ है। उसके जासूसी गतिविधियों में शामिल होने की आशंका जताई जा रही है।

Jayesh Jetawat एचटी, किशनगंजFri, 13 Oct 2023 04:01 PM
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बिहार में नेपाल बॉर्डर से चीनी जासूस के घुसपैठ की कोशिश, पकड़े जाने पर 50 हजार की रिश्वत ऑफर की

बिहार के किशनगंज में भारत-नेपाल सीमा से सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने एक चीनी नागरिक को गिरफ्तार किया है। वह भारत में फर्जी तरीके से घुसपैठ की कोशिश कर रहा था। उसके चीनी जासूस होने का अंदेशा है। उसके पास से दोनों देशों का पासपोर्ट और चीनी मुद्रा भी बरामद की गई है। एसएसबी की जांच में भारतीय पासपोर्ट पर दर्ज पता फर्जी पाया गया। नेपाल बॉर्डर पर पकड़े जाने पर चीनी नागरिक ने एसएसबी अधिकारियों को 40 हजार रुपये की रिश्वत भी ऑफर की। 

जानकारी के मुताबिक गुरुवार शाम में चीन का एक नागरिक किशनगंज के ठाकुरगंज में पानी टंकी के पास स्थित नेपाल सीमा से भारत में घुसपैठ की कोशिश कर रहा था। संदेह के आधार पर भारतीय जवानों ने उसे पकड़ लिया। उसके पास से भारतीय पासपोर्ट और चीन का वीजा बरामद हुआ। साथ ही 1.43 लाख भारतीय रुपये और 62 हजारह नेपाली मुद्रा भी बरामद की गई।

एसएसबी अधिकारी एलटी तमंग ने बताया कि जब उससे भारतीय पासपोर्ट में दर्ज पते के बारे में पूछा गया तो वह संतुष्ट जवाब नहीं दे पाया। इसके बाद दार्जिलिंग पुलिस से संपर्क किया गया, जिससे पता चला कि उसका पासपोर्ट फर्जी है। भारतीय पासपोर्ट में उसका नाम गोंबो तमंग था। भारत में घुसपैठ करते हुए पकड़े जाने पर चीनी नागरिक ने एसएसबी के एसआई शिव पासवान को 50 हजार रुपये की रिश्वत भी ऑफर कर दी। 

एसएसबी अधिकारी ने बताया कि उससे पूछताछ में पुष्टि हुई है कि वह चीन का नागरिक है। उसके चीनी जासूस होने का अंदेशा जताया जा रहा है। फिलहाल एसएसबी ने उसे गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई के लिए पश्चिम बंगाल की खोड़ीबाड़ी पुलिस को सौंप दिया है। बता दें कि बीते जुलाई महीने में भी एसएसबी ने एक चीनी नागरिक को पकड़ा था, जिसकी पहचान बाद में योंगजिन पेंग के रूप में हुई थी।

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