गोगरा तटबंध पर रैंनकट्स से बचाव के लिए बाढनिरोधी कार्य तेज
गुठनी और दरौली प्रखंडों में बाढ़ से पहले जल संसाधन विभाग की तैयारी जोरों पर है। विभाग ने कटाव को रोकने के लिए बालू भरी बोरियां और एनसी बैग का उपयोग किया है। गोगरा तटबंध पर सुरक्षा के लिए 98 लाख रुपए...

गुठनी, एक संवाददाता। दरौली और गुठनी प्रखंड मुख्यालय में बाढ़ से पूर्व जल संसाधन विभाग द्वारा तैयारी जहां जोरों पर है। वहीं विभाग द्वारा बांधों के नजदीक और आसपास होने वाले कटाव को लेकर बालू भरी बोरियां, एनसी बैग समेत कई कार्य शुरू कर दिए गए हैं। मिली जानकारी के अनुसार गुठनी प्रखंड के मेरीटर गांव में दरौली के केवटलिया,अमरपुर, दरौली, कर्महहा, मलपुरवा में जेई, एसडीओ, और अन्य कर्मियों को निर्देश दिया गया है। जिसके बाद इन टीमों द्वारा गोगरा तटबंध पर रैंनकट्स और वाहनों के आने जाने से बने गड्ढे को भरा जा रहा है। जेई मदन मोहन ने बताया कि सरयू नदी का जलस्तर अभी तक सामान्य है।
इसके बाद भी हमारी टीम लगातार नजर रख रही है। विभाग द्वारा कटाव निरोधी कार्य पूरा करने का लक्ष्य पूरा प्रखंड में बाढ़ पूर्व तैयारी को लेकर जहां जल संसाधन विभाग सजग दिख रहा है। वहीं गोगरा तटबंध के सटे इलाकों में कटाव से निजात पाने के लिए भी विभाग तैयारियों में जुटा है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बाढ़ पूर्व तैयारी में अब तक करीब 98 लख रुपए से अधिक खर्च किए जा चुके हैं। जिनमें मैरीटार गांव में 70 मीटर और केवटलिया गांव के समीप 300 मीटर कटाव निरोधी कार्य किया गया है। नरौली से लेकर रकौली तक हुआ कटाव निरोधी कार्य जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार नरौली से लेकर रकौली घाट तक विभाग द्वारा करीब 5 करोड़ से अधिक की राशि कटाव निरोधी कार्यो में खर्च की जा चुकी है। जिनमें स्लूईस गेट निर्माण, तटबंधों की सुरक्षा पर खर्च, एनसी टो निर्माण, बालू की बोरियां, एनसी बैग समेत तमाम कटाव निरोधी कार्यों में खर्च किए गए थे। क्या कहते हैं कार्यपालक पदाधिकारी कार्यपालक पदाधिकारी मदन चंद्र चौधरी का कहना है कि जहां भी कटाव निरोधी कार्य किया गया है। उसकी गहनता से जांच पड़ताल की गई है। गोगरा तटबंध पर भी हमारी टीम काम कर रही है।
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