स्कूलों में बच्चों में चहक से समझ पैदा होती है
बड़हरिया, एक संवाददाता। लय के अंतर्गत लिपिकीय संवर्ग ने दस सूत्री मांगों को लेकर काला बिल्ला लगा गुरुवार को कार्य किया। इस दौरान वे अपनी समस्याओं, स्थिति-परिस्थिति एवं प्रमुख ज्वलंत मुद्दों और उनके...

बड़हरिया, एक संवाददाता। प्रखंड के तमाम स्कूलों में चहक विद्यालय तत्परता कार्यक्रम को लेकर शुक्रवार को चहक गतिविधि में खेल खेल के माध्यम भाषा गणित और पर्यावरण को सीखाया गया। जिससे बच्चे में समझ विकसित होती है। इस कार्यक्रम में बच्चे काफी उत्साहित दिखे। चहक कार्यक्रम से जो बच्चे का यह गतिविधि पिछले वर्गों में छूट गई थी जिस गतिविधि को बच्चो में करता गया। गतिविधि के पुनरावृत्ति किया गया। हालांकि चहक को लेकर बच्चो में काफी अधिक उत्सुकता देखने को मिली। फोकल शिक्षकों ने खेल खेल के माध्यम से बच्चों के शिक्षा को लेकर जागरूक करते हुए गणितीय शिक्षा दी गई।
वहीं छुक छुक चलती रेल कविता के लिए शिक्षक इंजन तो बच्चे रेल के डिब्बे बन कर इस पाठ्य को अच्छा से समझा। वहीं हेडमास्टर जितेंद्र कुमार ने बताया कि चहक गतिविधि से बच्चों में पढ़ने जो लेकर ललक जगता है और बच्चे पढ़ाई को रुचि के साथ ग्रहण करते है जिसके लिए एक कुंजी का काम करता है। वही बीईओ राजीव कुमार पांडे ने बताया कि चहक से छोटे वर्ग को पढ़ना एक बेहतर और कारगर तरीका है इतना ही नहीं। बच्चे सबसे अधिक खेल खेल, संगीत सहित अन्य गतिविधि से आसानी से समझ पाते है। यह शिक्षा देने का बहुत ही बेहतर तरीका है जिससे बच्चों में अधिक निखार आता है। मध्य विद्यालय भलूआ, मध्य विद्यालय सदरपुर, पहाड़पुर, जगतपुरा, हरपुर, तेतहली सहित तमाम स्कूलों में चहक गतिविधि करा कर बच्चो को पढ़ाया गया। मौके पर जितेंद्र कुमार, संगीता देवी, मालती कुमारी, जितेंद्र यादव, प्रदीप मंडल, राजाराम मांझी, संतोष यादव, संतोष पंडित, शिवबचन यादव सहित अन्य थे
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