उद्यमी योजना का लाभ लेकर रोजगार की ओर अग्रसर दो हजार बेरोजगार
सीवान, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि।लय के अंतर्गत लिपिकीय संवर्ग ने दस सूत्री मांगों को लेकर काला बिल्ला लगा गुरुवार को कार्य किया। इस दौरान वे अपनी समस्याओं, स्थिति-परिस्थिति एवं प्रमुख ज्वलंत मुद्दों और...

सीवान, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। जिले के युवाओं को स्वरोजगार मुहैया कराकर स्वालंबी बनाने में मुख्यमंत्री उद्यमी एवं बिहार लघु उद्यमी योजना विशेष भूमिका निभा रही है। यह योजना जिले के शिक्षित बेरोजगार युवाओं के लिए यह आत्मनिर्भरता की राह खोल रही है। दोनों योजना का लाभ लेकर करीब दो हजार से अधिक लाभुक विभिन्न प्रखंडों के गांवों में छोटे-बड़े उद्योग लगा अपनी बेरोजगारी दूर लोगों को रोजगार का अवसर दे रहे हैं। गौर करने वाली बात है कि जिले में वित्तीय वर्ष 2021-22 से लेकर 24 तक करीब 276 शिक्षित बेरोजगार युवा तरह-तरह के उद्योग की अपने गांव में स्थापना कर स्वयं जहां आर्थिक समृद्धि की ओर बढ़ रहे हैं।
वहीं अपने उद्योग में अन्य बेरोजगारों को रोजगार देकर आत्म निर्भर बना रहे हैं। बताते चलें कि 2018 से शुरू हुई इस योजना का उद्देश्य शिक्षित युवाओं को स्वरोजगार एवं उद्यमिता के प्रति प्रोत्साहित करना है। इसकी मदद से युवा अपने लिए रोजगार सृजित करने के साथ ही दूसरों को भी रोजगार देने में सक्षम बन रहे हैं। यह योजना समाज के विभिन्न वर्गों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है और अब यह बिहार की आर्थिक विकास रणनीति का एक महत्वपूर्ण आधार स्तंभ बन गई है। इसके तहत सरकार का मुख्य उद्देश्य सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को बढ़ावा देना है। साथ ही, यह योजना उन समस्याओं का समाधान करती है, जो युवाओं को बैंक ऋण लेने में बाधक बनती हैं, जैसे कि बंधक सुरक्षा और मार्जिन मनी की कमी। और शिक्षित बेरोजगार युवाओं में उद्यमिता एवं स्वरोजगार को प्रोत्साहित करना है। लाभार्थियों को अधिकतम 10 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता का प्रावधान मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत योग्य लाभार्थियों को अधिकतम 10 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाती है। इसमें अधिकतम 5 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण शामिल है। जबकि शेष 5 लाख रुपये अनुदान के रूप में तीन किश्तों में प्रदान की जाती है। अगर लाभार्थी मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के अंतर्गत आता है, तो उसे 1 प्रतिशत की न्यूनतम ब्याज दर पर ऋण दिया जाता है, जिसकी वसूली 84 सामान्य किस्तों में बिहार स्टार्टअप फंड ट्रस्ट के माध्यम से की जाती है। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए सौगात बनी बिहार लघु उद्यमी योजना जिले में बिहार लघु उद्यमी योजना आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के लिए एक सौगात बन गई है। क्योंकि ऐसे दो हजार से अधिक परिवार को रोजगार के लिए दो लाख रुपये प्रदान की गई है। जो योजना का लाभ लेकर गांव में छोटे-मोटे उद्योग लगा आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ रहे हैं। गौर करने वाली बात है कि जिले में 2023-24 में करीब 810 लाभुकों को बिहार लघु उद्यमी योजना के तहत लाभान्वित किया जा चुका है। साथ ही 2024-25 में 976 लाभुकों का चयन किया गया है। जिसे संबंधित उद्योग लगाने से जुड़ा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन सभी को प्रशिक्षण के बाद फ्लावर मिल, मशाला उद्योग, सत्तू, बेसन सहित जिस प्रकार के उद्योग लगाएंगे। उनको विभाग की ओर से दो लाख रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। बताते चलें कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत जिन लोगों को (एससी, एसटी, अति पिछड़ा वर्ग, महिलाएं, युवा, अल्पसंख्यक) लाभ मिला है वे मुख्यमंत्री लघु उद्यमी योजना के पात्र नहीं होंगे और उन दोनों योजनाओं में से एक ही योजना का लाभ ले सकेंगे । ऐसे लघु उद्यमी योजना के तहत मिलता है दो लाख लघु उद्यमी योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी को स्वरोजगार के लिए अधिकतम दो लाख रुपये की धनराशि अनुदान के रूप में दी जाती है। यह राशि तीन किस्तों में दी जाती है। पहली किस्त में योजना लागत का 25 प्रतिशत, दूसरी किस्त में योजना लागत का 50 प्रतिशत और तीसरी किस्त में योजना लागत का शेष 25 प्रतिशत भुगतान किया जाता है। प्रत्येक किस्त का पूर्ण उपयोग होने के बाद ही अगली किस्त का वितरण किया जाएगा। पहली किस्त का उपयोग लाभार्थियों द्वारा टूलकिट खरीदने के लिए किए जाने का प्रावधान है। क्या कहते हैं अधिकारी जिले में मुख्यमंत्री उद्यमी व लघु उद्यमी योजना का लाभ लेकर करीब दो हजार से अधिक बेरोजगार गांव में उद्योग स्थापित कर आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ रहे हैं। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिल रही है। साथ ही अन्य लोगों को भी रोजगार का अवसर मिल रहा है। विवेक कुमार, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र, सीवान
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