एसएफसी के अकाउंटेंट के पास आय से 202 प्रतिशत ज्यादा संपत्ति, ईओयू की 6 ठिकानों पर रेड
आर्थिक अपराध इकाई की टीम कोर्ट से सर्च वारंट प्राप्त करने के बाद छापेमारी की कार्रवाई कर रही है। छापेमारी की यह कार्रवाई मुजफ्फरपुर, पटना, मोतिहारी, और हाजीपुर में स्थित कुल छह ठिकानों पर की जा रही है।

बिहार राज्य खाद निगम में पदस्थापित लेखपाल राजेश कुमार के छह ठिकानों पर छापेमारी चल रही है। वह मुजफ्फरपुर के कुढ़नी थाना क्षेत्र के केरवा डीह के रहने वाला है। शहर के अघोरिया बाजार प्रोफेसर कॉलोनी स्थित एक मकान में किराए के फ्लैट भी है। बताया जा रहा है कि राजेश कुमार वर्तमान में मोतिहारी में पदस्थापित हैं। आर्थिक अपराध इकाई ने आय से 201.94% अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में राजेश कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
जांच में यह पाया गया कि उन्होंने अपने ज्ञात वैध स्रोतों से कहीं अधिक संपत्ति अर्जित की है। आर्थिक अपराध इकाई की टीम कोर्ट से सर्च वारंट प्राप्त करने के बाद छापेमारी की कार्रवाई कर रही है। छापेमारी की यह कार्रवाई मुजफ्फरपुर, पटना, मोतिहारी, और हाजीपुर में स्थित कुल छह ठिकानों पर की जा रही है। इन ठिकानों में उनके आवास, पैतृक घर, रिश्तेदारों के ठिकाने और कुछ अन्य संदिग्ध संपत्तियां शामिल हैं।
बताया जा रहा है कि छापेमारी के दौरान कई दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और संदिग्ध लेन-देन से संबंधित कागजात बरामद हुए हैं। आर्थिक अपराध इकाई से मिली जानकारी के अनुसार प्रारंभिक जांच में यह संकेत मिले हैं कि राजेश कुमार ने नकद लेन-देन, अचल संपत्ति में निवेश और कई फर्जी खातों के माध्यम से काले धन को वैध बनाने की कोशिश की है। इसके अलावा उनके कुछ करीबी रिश्तेदारों के नाम पर भी संपत्तियां पाई गई हैं, जिनकी जांच की जा रही है।
आर्थिक अपराध इकाई के एक अधिकारी ने बताया कि तलाशी अभियान अभी जारी है। संपत्ति और दस्तावेजों की विस्तृत जांच की जा रही है। तलाशी की समाप्ति के बाद ही संपत्ति का सटीक मूल्यांकन और विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी। आर्थिक अपराध इकाई अब जब्त दस्तावेजों और डिजिटल साक्ष्यों का विश्लेषण करने के बाद राजेश कुमार की संपत्ति के स्रोतों की जांच करेगी। यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम और अन्य भ्रष्टाचार विरोधी धाराओं में भी कार्रवाई की जा सकती है।