फूलों के भंडारण के लिए सुरक्षित जगह मिले तो महक उठेगा व्यापार
फूल हमेशा लोगों को खुश रखते हैं, लेकिन समस्तीपुर के फूल कारोबारियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वे बाहर से फूल मंगाते हैं, लेकिन भंडारण, ऋण की कमी और गर्मी में फूलों की खराबी जैसी...
फूल हमेशा लोगों को बेहतर, खुश और अधिक आशावादी बनाते हैं, वे आत्मा के लिए धूप, भोजन और दवा हैं अमेरिकी वनस्पति वैज्ञानिक लूथर बरबैंक के ये वाक्य उन लोगों के लिए मायने रखते हैं जो फूलों के बीच दिन-रात गुजारते हैं। पहले फूल कारोबार पर माली समाज के लोगों का अधिपत्य हुआ करता था, लेकिन अब हरेक तबके के लोग फूलों के कारोबार से जुड़े हैं। शादी विवाह, दीपावली, नवरात्रि जैसे पर्वों पर फूल कारोबार ग्राहकों की भीड़ से महक उठता है, लेकिन चंद दिनों की चांदनी के बाद फिर कारोबार प्रभावित हो जाता है। वहीं, फूलों का व्यापार करने वाले आज तमाम दुश्वारियों का सामना कर रहे हैं।
सुबह तीन-चार बजे से अपना दिन शुरू करने वाले फूलों के व्यापारियों की मेहनत को हमेशा से अनदेखा किया जाता रहा है। कभी-कभी कर्ज भी लेना पड़ता है। इस कारोबार को करने वाले लोग प्रशासन द्वारा सुविधाएं नहीं मिलने से परेशान हैं, इनकी समस्याओं पर शायद ही कभी किसी का ध्यान जाता हो। समस्तीपुर शहर में फूलों के व्यापारियों ने ‘हिन्दुस्तान के साथ अपनी पीड़ा को साझा किया। पूजा पाठ, पर्व-त्योहार, शादी-विवाह समेत अन्य सभी बड़े आयोजनों में रंग-बिरंगे फूलों की मांग अधिक होती है। ये फूल समस्तीपुर में बाहर से मंगाए जाते हैं। फूल कारोबारी भंडारण के लिए सुरक्षित जगह, ऋण की सुविधा, साल भर बिक्री नहीं होने समेत कई समस्याओं से जूझ रहे हैं। जिला मुख्यालय समस्तीपुर में ऐसे दुकानदार अलग-अलग चौक-चौराहों पर छोटी-छोटी दुकानें लगाकर रोजगार कर रहे हैं, इनमें से अधिकांश दुकानदारों ने कहा कि जिस प्रकार नगर निगम द्वारा सब्जी, फल समेत अन्य सामग्री के लिए मंडी की सुविधा दी है, उसी प्रकार जिले में फूलों की भी मंडी होनी चाहिए। हमेशा नुकसान की आशंका : गणेश चौक स्थित फूल दुकानदार तैफुल इस्लाम ने बताया कि हमलोग कोलकाता, पटना, बेंगलुरु और सिलीगुड़ी से देसी-विदेशी फूल मंगवाते हैं। अधिकांश फूलों को सिर्फ एक सप्ताह तक ही सुरक्षित रखा जा सकता है। किसी तरह दुकान में फ्रीजर रखकर फूलों को बचाते हैं। बावजूद यह समय पर नहीं बिका तो पूरी पूंजी डूब जाती है। इससे भारी नुकसान होता है। इसलिए छोटे दुकानदार अक्सर कर्ज में डूबे रहते हैं। प्रशासन को बाहर से मंगाए गए फूलों का नि:शुल्क बीमा करना चाहिए। नगर निगम द्वारा हम सभी के माल के भंडारण के लिए एक क्षेत्र निर्धारित होना चाहिए। ताकि हमारी परेशानी कम हो सके। एक दुकान चलाने में कम से कम 10 से 15 सहयोगी की आवश्यकता पड़ती है, लेकिन मुनाफा कम होने के कारण समय पर उन्हें वेतन देना भी मुश्किल हो जाता है। सबसे अधिक नुकसान गर्मी के मौसम में होती है, जब अत्यधिक गर्मी के कारण 24 घंटे में ही महंगे फूल मुरझा जाते हैं। बाहर से मंगाये जाने वाले फूलों में रजनीगंधा, चेन गेंदा, गुलाब, लाल-पीला गेंदा, जरबेरा, घोर पत्ता, बोतल बरस आदि ऐसे फूल अथवा हरे पत्ते हैं, रख-रखाव में जरा सी लापरवाही भी नुकसानदेह साबित होती है।
-बोले जिम्मेदार-
फूल कारोबारियों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा। वेंडिंग जोन का निर्माण शहर में किया जा रहा है। इसमें जो भी फूल का कारोबार कर रहे हैं, उनको भी शामिल किया जाएगा, ताकि ये लोग भी अपना कारोबार सही से कर सके। अन्य जो भी समस्या नगर निगम से संबंधित है, उसे लागू करने को लेकर बोर्ड की बैठक में विचार किया जाएगा, जो भी होगा हरसंभव मदद की जाएगी।
-अनीता राम, मेयर
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